कुब्ज विष्णुवर्धन बदामी के चालुक्य शासक पुलकेशी द्वितीय के छोटे भाई थे। इनके विरुद्ध पृथ्वीवल्लभ, युवराज, विषमविद्धि आदि थे। सातवीं शताब्दी ई. के पूर्वार्द्ध में पुलकेशी ने उनकी सहायता से पूर्वी तट के देशों को विजित किया और उन्हें विशाखपत्तनम‌ से लेकर नेल्लोर जिले के उत्तरी भाग तक का शासक नियुक्त किया। इस वंश के अभिलेखों के अनुसार उनका शासन संपूर्ण वेंगीमंडल पर था। उनका राजवंश 11वीं शताब्दी तक चलता रहा और वह इतिहास में पूर्वी चालुक्य के नाम से प्रख्यात है। संस्कृत के प्रसिद्ध कवि भारवि उनकी सभा के रत्न कहे जाते हैं।

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