कुलीनतावाद
यह सुझाव दिया जाता है कि इस लेख का अल्पतंत्र में विलय कर दिया जाए। (वार्ता) मई 2018 से प्रस्तावित |
कुलीनतावाद राजनीति विज्ञान की वह विचारधारा है जिसमें कुलीन तंत्र की श्रेष्ठता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाती है। प्लेटो एवं अरस्तू, को कुलीनतावाद का उन्नायक विचारक माना जाता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत वंश, कुल तथा प्रजाति को आभिजात्य का प्रतिमान माना जाता है। सामान्यतः एक अल्पसंख्यक विशेषाधिकृत वर्ग को ही शासन सत्ता के परिचालन के योग्य माना जाता है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंयह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |