कुशांग शेरपा जिनका जन्म 15 फरवरी 1965 मे हुआ एक भारतीय पर्वतारोही हैं, जो 1998 में तीन तरफ से माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चड़ने वाले पहले व्यक्ति बने। [1][2] उनकी इन उपलब्धियों के सम्मान में, भारत सरकार ने 2003 में उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया।.[3]

कुशांग शेरपा
व्यक्तिगत जानकारी
जन्म15 फ़रवरी 1965 (1965-02-15) (आयु 59)
मकालु , नेपाल
पेशा
उल्लेखनीय आरोहीविश्व में प्रथम जिसने माउंट एवरेस्ट को तीन तरफ से फतह किया। दो बार साउथ कॉल से, दो बार नॉर्थ कॉल से और एक बार मुश्किल खांगसुंग फेस से.
Family
बच्चे4

प्रारंभिक जीवन

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कुशांग शेरपा का जन्म 15 फरवरी 1965 को नेपाल के [[मकालू] बेस के पास वालुंग नामक हिमालय के एक गाँव में हुआ था। वह 14 साल की उम्र में पहली बार घर से भागकर एक माउंट एवरेस्ट अभियान पर जाने वाले एक दल मे जो उनके गांव से गुजर रहा था मे कुली के रूप में काम करने के लिए गये। वह कम्पास के तीन दिशाओं से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति हैं।[1] [2] कुशंग दोरजी शेरपा मूल रूप से मकालू के रहने वाले हैं, वर्तमान में वे भारत के पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में रहते हैं।[1]

कुशांग दोरजी शेरपा विश्व के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने कंपास के तीन दिशाओं से माउंट एवरेस्ट को फतह किया है। कुशांग दोरजी शेरपा ने पहली बार 10 मई, 1993 को नेपाल के पारंपरिक दक्षिण पूर्व रिज मार्ग से एवरेस्ट फतह किया था। इसके बाद, उन्होंने 17 मई, 1996 को तिब्बत के पारंपरिक उत्तर पूर्व रिज मार्ग के माध्यम से शिखर पर विजय प्राप्त की। 28 मई, 1998 को, उन्होंने तीसरी बार नेपाल के पारंपरिक दक्षिण पूर्व रिज पर चढ़ाई की। उनका चौथी चढ़ाई 28 मई, 1999 को एवरेस्ट के पूर्वी मुख जिसे खांगसुंग मुख भी कहा जाता हैं पर से होकर विजय प्राप्त की। [1][2] 2003 के हिमालय पर्वतारोहण संस्थान के एवरेस्ट अभियान मे उन्होंने पाँचवी बार तिब्बत के पारंपरिक उत्तर पूर्व रिज मार्ग के माध्यम से शिखर पर विजय प्राप्त की।

  1. "The Sherpas of Everest Series". अभिगमन तिथि 1 August 2015.
  2. "everest-60-facts-about-the-worlds-tallest-mountain". अभिगमन तिथि 1 August 2015.
  3. "A plot too far for ace mountaineer". Telegraph India. 15 October 2006. अभिगमन तिथि 19 September 2020.

बाहरी कड़ियाँ

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