कैराना
कैराना भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के शामली ज़िले में स्थित एक नगर है। कैराना उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में यमुना नदी के पूर्वी तट पर अवस्थित है।[1][2] कैराना उत्तर प्रदेश का सबसे पश्चिमी शहर है। कैराना शामली जिले का सबसे बड़ा शहर है। औद्योगिक रूप से कैराना एक पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता है। कैराना के इतिहास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त नही है। किवदंतियो के अनुसार कैराना की स्थापना महाभारत काल में अंगराज कर्ण ने की थी। माना जाता है कि महाभारतकाल में इस नगर का नाम 'कर्णपुरी' था। कैराना उत्तर भारतीय संगीत के प्रसिद्ध 'किराना घराना' की जन्मस्थली भी है।[3] ये क्षेत्र 2015 "कैराना पलायन" के मुद्दे के बाद सुर्खियों में आया था।
कैराना
Kairana | |
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निर्देशांक: 29°23′46″N 77°12′14″E / 29.396°N 77.204°Eनिर्देशांक: 29°23′46″N 77°12′14″E / 29.396°N 77.204°E | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | शामली ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 89,000 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
इतिहास
संपादित करेंकहा जाता है के अनुसार महाभारत काल मे अंगराज कर्ण कर्णपुरी कैराना की स्थापना की थी। समय-समय पर इस ऐतिहासिक नगर का नाम बदलता रहा और आधुनिक समय में यह कैराना के नाम से संबोधित किया जाता है। यह शहर अपनी गंगा जमुनी तहजीब और हिन्दू मुस्लिम संस्कृति के कारण जाना जाता है। बादशाह जहांगीर के मंत्री नवाब मुकर्रब खां ने नोलखा बाग़' अर्थात नो लाख फलदार वृक्षों के बाग के मध्य में नवाब तालाब का निर्माण कराया था। तालाब में जल निकट ही यमुना नदी से आता था।[4]आसपास कई दयनीय अवस्था में अवशेष देखे जा सकते हैं।[5]
इस तालाब वाले बाग़ के 'आम' अकबर और जहांगीर को पसंद थे।[6]
सम्राट जहांगीर ने कुछ समय इस बाग़ और तालाब पर बिताया था। अपनी आत्मकथा "तुज़्क-ए-जहाँगीरी" में लिखते हैं कि:
रविवार तारीख 16 को मैंने दिल्ली से प्रयाण (प्रस्थान) किया और शुक्रवार तारीख 21 को मैं परगना केराना (कैराना, सरकार सहारनपुर) में ठहरा। यह परगना मुकर्रब खां का पुराना स्थान है। यहां की आबो हवा न ठण्डी है और न गरम है। यहां की भूमि अच्छी है। मुकर्रब खां ने यहां बाग और इमारतें बनाई थी। शनिवार तारीख 22 को मैं और महिलायें इसमें घूमी यह वास्तव में आनन्ददायक बाग है। एक सौ चालीस बीधा फूलों की क्यारियां हैं। बाग के बीचों बीच एक तालाब है वह 220 गज लम्बा और 200 गज चौड़ा है। तालाब के बीच में चांदनी के समय बैठने के लिए एक समचतुष्कोण महताब बना हुआ है इसकी एक भुजा 22 गज है। यहां सब प्रकार के वृक्ष हैं ईरान में पैदा होने वाले वृक्षों में मैंने यहां पिस्ता का वृक्ष देखा और एक बहुत ही मनोहर साइप्रस (सरो) का वृक्ष देखा इस बाग में साइप्रस के 300 वृक्ष थे। तालाब के चारों ओर उपयुक्त इमारतें बन रही हैं। [7]
"तुज़्क-ए-जहाँगीरी" इंग्लिश, दूसरे वॉल्यूम में भी यह विवरण मिलता है।[8]
दर्शनीय स्थल
संपादित करेंकैराना और आसपास अनेक धार्मिक और प्राकृतिक दर्शनीय स्थल हैं। जिनमें से मुख्यतः नगरपालिका की इमारत और बारात घर, देवी मंदिर और तालाब, नवाब तालाब, जैन मंदिर और बाग़, इमामबाड़ा, गऊशाला, ईदगाह और नोगज़ा पीर सहित अनेक मज़ार, 6 किलोमीटर पर यमुना नदी प्रमुख हैं।
उल्लेखनीय लोग
संपादित करेंमौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
- ↑ "संगीत की दुनिया में कैराना घराना, पुस्तक 'कैराना कल और आज", लेखक 'मुहम्मद और कैरानवी, प्रष्ठ २9". Archive.org.
- ↑ मुहम्मद उमर कैरानवी (2007). कैराना का नवाब तालाब. p. 22.
- ↑ "nawab talab polutaded on kairaina".
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(help) - ↑ Tuzuk-i-Jahangiri or memoirs of Jahangir,Tanslated by Alexander Rogers, Atlantic publisher, Drya ganj, New delhi-2, page 332, v2 https://archive.org/details/tuzukijahangirio00jahauoft
- ↑ अनुवादक: डॉक्टर मथुरालाल शर्मा. तुजक -ए- जहाँगीरी. राधा पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली. p. पृष्ठ 293 से 294. ISBN 8174871950.
- ↑ Or Memoirs Of Jahangir Vol II. The Tuzuk-i-jahangiri. https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.282464/page/n117/mode/2up . p. 112.
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