कोंगका दर्रा
कोंगका दर्रा या कोंगका ला भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह हिमालय की छंग-चेम्नो शृंखला में स्थित है। भारत के अनुसार यह पूर्णत: भारत की भूमि पर है लेकिन चीन-द्वारा नियंत्रित अक्साई चिन क्षेत्र और लद्दाख़ के अन्य भाग के बीच में चीन-भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होने के नाते यह इन दो देशों के नियंत्रित क्षेत्रों के बीच आता है। प्रशासनिक रूप से दर्रे-पार का क्षेत्र चीनी सरकार ने शिंजियांग प्रान्त के ख़ोतान विभाग मे विलय किया हुआ है।
कोंगका ला Kongka La | |
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ऊँचाई | 5,159 m (16,926 ft) |
स्थान | भारत (लद्दाख़) / चीन (अक्साई चिन) |
पर्वतमाला | हिमालय |
निर्देशांक | 34°20′06″N 79°02′07″E / 34.33500°N 79.03528°Eनिर्देशांक: 34°20′06″N 79°02′07″E / 34.33500°N 79.03528°E |
ला और दर्रा
संपादित करेंध्यान दें कि 'ला' शब्द तिब्बती भाषा में 'दर्रे' का अर्थ रखता है। क़ायदे से इस दर्रे को 'कोंगका दर्रा' या 'कोंगका ला' कहना चाहिये। इसे 'कोंगका ला दर्रा' कहना 'दर्रे' शब्द को दोहराने जैसा है।
१९५९ की भारत-चीनी झड़प
संपादित करेंअक्टूबर १९५९ में, १९६२ के भारत-चीन युद्ध से कुछ वर्ष पूर्व, एक भारतीय पुलिस दस्ते पर कोंगका ला क्षेत्र में मौजूद चीनी सैनिकों ने हमला बोल दिया जिसमें कई भारतीय पुलिसवालों की मृत्यु हो गई। भारतीय हवाले से यह क्षेत्र भारत की सीमा के लगभग ६४ किमी भीतर था और इस से भारत-चीनी तनाव में बहुत बढ़ौतरी हुई।[1][2][3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Unforgiveable Mistakes: The Kongka-La incident, 21st October 1959 Archived 2011-09-30 at the वेबैक मशीन, Vivek Ahuja, Bharat Rakshak Monitor and Security Research Review, Volume 7.1, Jul-Dec 2008, ... It was a massacre. Ten CRPF men in Karam Singh’s remaining force of nineteen were killed by evening while most others suffered some form of injury or another ...
- ↑ Indian Army After Independence, K. C. Praval, pp. 192, Lancer, 2009, ISBN 9781935501107, ... The incident occurred South of the Kongka Pass, about 64-kilometres inside Indian territory ...
- ↑ Dividing Lines: Contours of India-China Conflict, K. N. Raghavan, pp. 83, Leadstart Publishing Pvt Ltd, 2012, ISBN 9789381836750, ... This incident forced Nehru's hand and closed whatever room he might have kept for maneuvering with the Chinese. The public uproar that erupted across India on hearing of the death of the soldiers, was powerful enough to compel Nehru to take a firm stand on the boundary in the western sector ...