लानक दर्रा
लानक दर्रा या लानक ला लद्दाख़ के अक्साई चिन क्षेत्र और तिब्बत के न्गारी विभाग के बीच स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह अक्साई चिन के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में स्थित है और भारत इसे भारत व तिब्बत की सीमा का एक बिन्दु मानता है। चीन द्वारा तिब्बत और उसके बाद अक्साई चिन पर क़ब्ज़ा हो जाने के पश्चात यह पूरी तरह चीन के नियंत्रण में है जो इस से पश्चिम में स्थित कोंगका दर्रे को भारत-तिब्बत सीमा मानता है।
लानक ला Lanak La | |
---|---|
ऊँचाई | 5,466 m (17,933 ft) |
स्थान | अक्साई चिन - तिब्बत सीमा |
ला और दर्रा
संपादित करेंध्यान दें कि 'ला' शब्द तिब्बती भाषा में 'दर्रे' का अर्थ रखता है। क़ायदे से इस दर्रे को 'कोंगका दर्रा' या 'कोंगका ला' कहना चाहिये। इसे 'कोंगका ला दर्रा' कहना 'दर्रे' शब्द को दोहराने जैसा है।
इतिहास
संपादित करेंसन् १८२० काल से यहाँ से निकलने वाले यूरोपीय यात्रियों ने लानक दर्रे को लद्दाख़ व तिब्बत की सीमा बताया। ऐसा ही विलियम मूरकॉक के वृतांत में मिलता है। लानक ला और कोंगका ला के बीच की छंग-चेन्मो घाटी कश्मीर राज्य का भाग थी और इस से सम्बन्धित कश्मीरी सरकार के कर विभाग के कई रिकॉर्ड मिलते हैं। इसके अलावा १९०८ लद्दाख़ रिपोर्ट, कई सर्वेक्षण दस्तों के ब्योरे, १९५१ का जम्मू और कश्मीर वन्य प्राणी संरक्षण विधेयक, तथा छंग-चेन्मो घाटी में व्यापारिक मार्गों, अतिथिगृहों और भंडारों के निर्माण व मरम्म्त के दस्तावेज़ भी मिलते हैं।[1] १९वीं शताब्दी के अंत तथा २०वीं शताब्दी के आरम्भ के कई यात्रियों के ब्योरे लानक दर्रे को भारत व तिब्बत की पारम्परिक सीमा बताते हैं।[2][3][4][5][6][7][8][9]
सन् १९५२ तक यहाँ कोई चीनी सैनिक नहीं थे,[10] १९५८ तक भारतीय सेना लानक ला तक गश्त लगाती थी[9] और १९५६ तक यहाँ भारत का ध्वज फहरा रहा था।[11][12] उस काल में चीन ने यहाँ सैनिक गतिविधि आरम्भ करी जिसका कारण तिब्बत के पूर्वी भाग में उस समय भड़क रहा विद्रोह और चीन द्वारा तिब्बत पहुँचने के लिए एक पश्चिमी मार्ग खोलने का प्रयास माना जाता है। अक्तूबर १९५९ में, १९६२ के भारत-चीन युद्ध से कुछ वर्ष पूर्व, एक भारतीय पुलिस दस्ते पर कोंगका ला क्षेत्र में मौजूद चीनी सैनिकों ने हमला बोल दिया जिसमें कई भारतीय पुलिसवालों की मृत्यु हो गई। भारतीय हवाले से यह क्षेत्र भारत की सीमा के लगभग ६४ किमी भीतर था और इस से भारत-चीनी तनाव में बहुत बढ़ौतरी हुई। तब से चीन का लानक ला पर क़ब्ज़ा है।[13][14][15]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Fisher, Margaret W.; Rose, Leo E.; Huttenback, Robert A. (1963). Himalayan Battleground: Sino-Indian Rivalry in Ladakh. Praeger. पृ॰ 112. मूल से 28 जुलाई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2016 – वाया Questia. नामालूम प्राचल
|subscription=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Wellby, M.S. (1898). Through Unknown Tibet. Lippincott. पृ॰ 78. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120610583.
- ↑ Carey, A. D. (1887). "A Journey round Chinese Turkistan and along the Northern frontier of Tibet". Proceedings of the Royal Geographic Society. 9. JSTOR 1801130.
- ↑ Bower, Hamilton, Diary of A Journey across Tibet, London, 1894
- ↑ Rawling, C. G., The Great Plateau Being An Account Of Exploration In Central Tibet, 1903, And Of The Gartok Expedition 1904-1905, p 38, London, 1905
- ↑ Deasy, H. H. P. (Aug 1900). "Journeys in Central Asia". The Geographical Journal. 6 (2): 142. JSTOR 1774554. नामालूम प्राचल
|registration=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ Bruce, C. D. (Jun 1907). "A Journey across Asia from Leh to Peking". The Geographical Journal. 29 (6): 600. JSTOR 1776269. डीओआइ:10.2307/1776269. नामालूम प्राचल
|registration=
की उपेक्षा की गयी (मदद) - ↑ "Report of the Officials of the Governments of India and the Peoples' Republic of China on the Boundary Question - Part 2" (PDF). Ministry of External Affairs, India, 1961. मूल (PDF) से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 August 2013.
- ↑ अ आ Verma, Virendra Sahai (2006). "Sino-Indian Border Dispute At Aksai Chin - A Middle Path For Resolution". Journal of development alternatives and area studies. 25 (3): 6–8. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1651-9728.
|access-date=
दिए जाने पर|url= भी दिया जाना चाहिए
(मदद) - ↑ Vivek Ahuja. "Unforgiveable Mistakes, The Kongka-La Incident, 21st October 1959" (PDF). मूल (PDF) से 30 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-11-02.
- ↑ Hudson, Geoffrey Francis (1963). Far Eastern Affairs, Volume 3. St. Martin's Press. पृ॰ 20.
- ↑ "Notes, Memoranda and letters Exchanged and Agreements signed between The Governments of India and China - White Paper VIII" (PDF). मूल (PDF) से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 August 2013.
- ↑ Unforgiveable Mistakes: The Kongka-La incident, 21st October 1959 Archived 2011-09-30 at the वेबैक मशीन, Vivek Ahuja, Bharat Rakshak Monitor and Security Research Review, Volume 7.1, Jul-Dec 2008, ... It was a massacre. Ten CRPF men in Karam Singh’s remaining force of nineteen were killed by evening while most others suffered some form of injury or another ...
- ↑ Indian Army After Independence, K. C. Praval, pp. 192, Lancer, 2009, ISBN 9781935501107, ... The incident occurred South of the Kongka Pass, about 64-kilometres inside Indian territory ...
- ↑ Dividing Lines: Contours of India-China Conflict, K. N. Raghavan, pp. 83, Leadstart Publishing Pvt Ltd, 2012, ISBN 9789381836750, ... This incident forced Nehru's hand and closed whatever room he might have kept for maneuvering with the Chinese. The public uproar that erupted across India on hearing of the death of the soldiers, was powerful enough to compel Nehru to take a firm stand on the boundary in the western sector ...