केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित कोवलम अपने खूबसूरत बीच और ताड़ के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कोवालम के बीच विश्व के सबसे दर्शनीय बीचों में गिना जाता हैं। सुनहरी रेत को चूमती नीली सागर की लहरें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते हैं। यहां की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यावली और वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियां भी बड़ी संख्या में सैलानियों को लुभाती हैं।

कोवलम
—  शहर  —
View of कोवलम, भारत
View of कोवलम, भारत
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य केरल

निर्देशांक: 8°18′N 77°12′E / 8.3°N 77.2°E / 8.3; 77.2

ब्रिटिश मिशनरी जार्ज अल्फ्रेड बेकर ने कोवालम के विकास में अहम भूमिका निभाई। वह कोवालम की सुंदरता से इतना प्रभावित थे कि वह यहीं के होकर रह गए। उनके पिता हेनरी बेकर और मां ऐमीलिया ने ही सर्वप्रथम केरल में शिक्षा की ज्‍योति को जलाया था और आज केरल शिक्षा के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है।कोवलम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध समुद्र तट है जिसमें तीन निकटवर्ती अर्धचंद्राकार समुद्र तट हैं। यह 1930 के दशक से पर्यटकों का पसंदीदा स्थान रहा है। समुद्र तट पर एक विशाल चट्टानी प्रांत ने शांत पानी की एक सुंदर खाड़ी बनाई है जो समुद्र स्नान के लिए आदर्श है। इस समुद्र तट पर अवकाश के विकल्प प्रचुर और विविध हैं।

नाम उद्गम संपादित करें

कोवलम का अर्थ है नारियल वृक्षों का समूह|[1]

दर्शनीय स्थल संपादित करें

पदमानभस्वामी महल संपादित करें

कोवालम का यह महल वेली पहाड़ियों के समीप स्थित हैं। वेली पहाड़ियों के तल पर बना यह महल कलाकारी का अदभूत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। इस महल की दीवार पर 17वीं और18वीं शताब्दी के चित्रकारी का सुंदर उदाहरण प्रस्‍तुत किया गया है।

शंकुमुघम बीच संपादित करें

इस बीच पर पर्यटक सांझ की सुंदरता देखने आते है। यहां का मनमोहक सूर्यास्त और सूर्योदय दिल को छु लेने वाला होता है। इस स्थान की सुनहरी रेत और किरणों की लालिमा की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता।

विहिन्जम लाइटहाउस संपादित करें

कोवालम में अरब सागर के तट पर यह लाइटहाउस है। जिस बीच पर यह लाइटहाउस बना है उसे लाइटहाउस बीच कहा जाता है। लाइटहाउस पर चढ़कर कोवालम के खूबसूरत गांवों को देखा जा सकता है।

वरकल बीच संपादित करें

त्रिवेन्द्रम से 55 किलोमीटर दूर यह स्‍थान केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के किनारे पंक्तिबद्ध दुकानों पर हैंडीक्राफ्ट, शंख व अन्‍य सामान आपको मिल जाएगा। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।

पदमानभस्वामी मंदिर संपादित करें

यह मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहां लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवालम से 14 किलोमीटर दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का यह मंदिर उत्कृष्‍ट उदाहरण है।

वेली लगून संपादित करें

यह वाटर पार्क पिकनिक मनाने के लिए लोकप्रिय है। यहां के बगीचे, उत्कृष्ट मूर्तिकला, पानी पर झूलते ब्रिज के अलावा एक्वा वाटर स्पोट्र्स पर्यटकों को यहां आने पर मजबूर कर देती है।

श्री चित्र आर्ट गैलरी संपादित करें

यहां राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुगल पेटिंग के साथ साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहां रुबरु हो सकते है।

सरकारी कला संग्रहालय संपादित करें

इस संग्रहालय को नैपियर म्युजियम के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।

पेपारा वन्य जीव अभयारण्य संपादित करें

पश्चिमी घाट पर स्थित यह अभयारण्य 53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभयारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरूवन्तपुरम से 50 किलोमीटर दूर तिरूवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभयारण्य है।

कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय) संपादित करें

इस महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। इस महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।

आवागमन संपादित करें

वायुमार्ग-

कोवालम से 14 किलोमीटर की दूरी पर त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा कोवालम पहुंचा जा सकता है।

रेलमार्ग-

त्रिवेन्द्रम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के लगभग हरेक राज्‍य से यह रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग-

कोवालम के लिए केरल के विभिन्न जिलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।

चित्र दीर्घा संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Paradise of South India - Kovalam". kovalam.com. मूल से 11 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-01-07.

इन्हें भी देखें संपादित करें