क्रीत या क्रीट (यूनानी: Κρήτη, क्रीति; अंग्रेज़ी: Crete, क्रीट) यूनान के द्वीपों में सब से बड़ा द्वीप है और भूमध्य सागर का पाँचवा सब से बड़ा द्वीप है। यह यूनान की आर्थिक व्यवस्था और यूनानी संस्कृति का बहुत महत्वपूर्ण अंग मन जाता है लेकिन इस द्वीप की अपनी एक अलग सांस्कृतिक पहचान भी है। आज से पाँच हज़ार साल पूर्व क्रीत "मिनोआई सभ्यता" नामक संस्कृति का केंद्र भी थी जो २७०० से १४२० ईसापूर्व के काल में फली-फूली और यूरोप की एक प्राचीनतम तहज़ीब मानी जाती है।[1]

क्नोसोस पुरातन स्थल पर मिनोआई सभ्यता के एक महल का खंडर
यूनान और क्रीत का नक़्शा
पारम्परिक क्रीती सामूहिक नाच
वाई का तटीय इलाक़ा

परिचय संपादित करें

क्रीट का प्राचीनतम नगर और राजधानी क्नोसस था, जो द्वीप के उत्तरी सागरतट पर पहाड़ों में बसा था। उसके और दक्षिणवर्ती फ़ीस्तस् के खंडहरों से उस सभ्यता के इतिहास पर पर्याप्त प्रकाश पड़ा है। क्नोसस में एक भूलभूलैया का खंडहर मिला है; विद्वानों ने उसे ग्रीक पुराणों की परंपरा में राजा मिनोस के वृभष मिनोतौर के कारागार की संज्ञा दी है। मिनोस संभवत: मिस्री फराऊनों के प्रथम राजवंश का समकालीन था। ग्रीक परंपरा के अनुसार मिनोतौर मानवीय रति का उपासक था जिसको प्रसन्न करने के लिये प्राचीन ग्रीस को अभिजातकुलीय सात तरुण और सात तरुणियाँ प्रतिवर्ष भेजनी पड़ती थीं। ग्रीक वीर थीसियस ने उसका वधकर ग्रीस को इस ऋणयंत्रणा से मुक्त किया। यह प्रसंग आर्यग्रीकों द्वारा क्रीटी सत्ता और ईजियाई सभ्यता के विध्वंस की ओर संकेत करता है। क्रीट के प्राचीन नगरों की खुदाइयों में जो वस्तुएँ मिली हैं उनसे उस सभ्यता की गतिविधि ज्ञात होती है। उनसे प्रकट है कि जीवन उस काल में उन्मुक्त बहता था, नारी स्वतंत्र थी, सुखी जीवन की सुविधाएँ प्राप्त थीं और कम से कम महलों में सुख सुविधा की सभी प्रकार की वस्तुएँ उपलब्ध थीं। महलों की दीवालों पर जो चित्र बने हैं उनसे तो उस कला का सौंदर्य प्रकट है ही, अनेक प्रकार के बर्तन भाँडों, खिलौनों, हाथीदाँत की मूर्तियों आदि से भी तत्कालीन कला के गौरव का ज्ञान प्राप्त होता है। क्रीट के भग्नावशेषों में अनेक अभिलेख मिले हैं जिनसे एक नई लिपि, क्रीटियों की अपनी लिपि, का पता चला है। पर अब तक न तो वह लिपि पढ़ी जा सकी है और न क्रीटियों की भाषा पर ही कोई प्रकाश पड़ा है।

क्रीट का द्वीप यद्यपि विशेष ऋद्ध नहीं है फिर भी वहाँ सभ्यता का विकास अत्यंत प्राचीन काल में हुआ और एक के बाद एक अनेक जातियों का अधिकार उसपर होता गया। प्राचीन क्रीटियों के बाद उस क्रीट का शासन आर्यग्रीकों के हाथ आया जिनसे ई. पू. पहली सदी में रोमनों ने राजसत्ता छीन उसे अपने साम्राज्य का अंग बना लिया। कालांतर में उसे पूर्वी रोमन साम्राज्य का भोज्य बनना पड़ा जिससे अरबों ने कुछ काल के लिये छीन लिया। फिर उसे वेनिस के सौदागरों ने भोगा और फिर तुर्कों ने। अंत में उनपर अंग्रेजी प्रभाव से अभिभूत ग्रीस का अधिकार हुआ, फिर पिछले महायुद्ध में ग्रीक और अंग्रेज सेनाओं को हराकर क्रीट को जर्मनों ने जीत लिया। बाल्कन युद्ध की समाप्ति के बाद १९१३ ई. में क्रीट ग्रीस के शासन में मिला दिया गया।

विवरण संपादित करें

क्रीत का क्षेत्रफल ८,३३६ वर्ग किमी है, यानि भारत के नागालैंड राज्य का लगभग आधा। सन् २०१० में इसकी जनसँख्या ६ लाख लोगों से कुछ अधिक थी। इसके उत्तर में एजियाई सागर और इसके दक्षिण में लीबियाई सागर पड़ता है, जो दोनों भूमध्य सागर के अंग हैं। क्रीत एक खिंचा हुआ अकार रखता है: यह पूर्व-पश्चिम दिशा में २६० किमी लम्बा और उत्तर-दक्षिण दिशा में केवल ६० किमी लम्बा है। अक्षांश रेखा (लेटीट्यूड) के हिसाब से यह कश्मीर से थोड़ा उत्तर में पड़ता है। यहाँ का मौसम मध्यम है। गर्मियों में तापमान ३५ °सेंटीग्रेड से कम और सर्दियों में -२ °सेंटीग्रेड से अधिक रहता है। सर्दियों में पहाड़ों पर भारी बर्फ़ गिरती है लेकिन रिहाइशी क्षेत्रों पर कुछ घंटों रहकर पिघल जाती है। क्रीत की प्रशासनिक राजधानी उत्तरी तट के मध्य में स्थित एराक्लियो (Ηράκλειο, Heraklion) नामक शहर है।

संस्कृति संपादित करें

क्रीत में यूनानी भाषा बोली जाती है लेकिन एक भिन्न क्रीति यूनानी उपभाषा के रूप में। यहाँ का संगीत और नृत्य भी यूनान के अन्य भागों से कुछ अलग है। क्रीति समाज में परिवारों और बिरादरियों को बहुत महत्त्व दिया जाता है और इज़्ज़त के प्रश्नों पर लड़ाइयों का छिड़ जाना आम बात है। परिवारों के बीच उत्पन्न हुई दुश्मनियाँ सालों-पीढ़ियों तक चल सकती हैं।

पर्यटन संपादित करें

अपने मौसम, सुन्दर तटीय क्षेत्रों और अनोखी संस्कृति के लिए क्रीत सैलानियों में बहुत लोकप्रिय है। सन् २०१० में क्रीत में २० लाख से अधिक पर्यटक आये थे, जबकि क्रीत की अपनी आबादी केवल ६ लाख की है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ancient Crete Archived 2020-05-30 at the वेबैक मशीन Oxford Bibliographies Online: Classics