क्षितिश चंद्र नियोगी (1888–1970) एक भारतीय राजनेता थे। वे भारत की बंगाल से संविधान सभा के सदस्य थे तथा स्वतन्त्र भारत की पहले मंत्रिमण्डल में भारत के पहले राहत, पुनर्वास मंत्री के रूप में शामिल थे। वे भारत के पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष थे।

राजनैतिक सफर संपादित करें

नियोगी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और 1920, 1923, 1926, 1930 में भारतीय ब्रिटिश संसद के चुनावों में बंगाल का प्रतिनिधित्व करने वाले (केंद्रीय विधानसभा) के सदस्य के रूप में सांसद चुने गए थे। उन्होंने भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया जिसमें योजना सलाहकार बोर्ड और भारतीय रेलवे जांच समिति के अध्यक्ष शामिल थे। वे मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के सदस्य भी थे।[1]

नियोगी को 1946 में भारत की संविधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था और स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार में 15 अगस्त 1947 को पुनर्वास मंत्री के रूप में स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल के सदस्य बने।[2]

22 नवंबर 1951 को, नियोगी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत के पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।[3]

1974 में उनकी मृत्यु हो गई, नेयोगी की पत्नी लीला के साथ तीन बच्चे थे। उनके सबसे बड़े बेटे पृथ्वी नियोगी (1918–91), संयुक्त राज्य अमेरिका के मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय में कला के इतिहास के प्रोफेसर थे।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Eleanor Roosevelt and the Struggle for Human Rights -- A NeoAristotelian Analysis". मूल से 2013-11-14 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-08-29.
  2. Chaudhary, Valmiki (1984). Dr. Rajendra Prasad: Correspondence and Select Documents. पृ॰ 326. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170230021.
  3. Fourteenth Finance Commission (2008-06-24). Inauguration of K. C. Neogy Conference Room in Thirteenth Finance Commission. प्रेस रिलीज़. http://fincomindia.nic.in/DispFull.aspx?id=6. अभिगमन तिथि: 2017-07-23.