खसिक भाषाएँ
खसिक भाषाएँ (Khasic languages) भारत के पूर्वोत्तरी मेघालय राज्य व बांग्लादेश के कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं का एक भाषा-परिवार है।[1]
खसिक भाषाएँ | |
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भौगोलिक विस्तार: |
भारत (मेघालय) और बांग्लादेश |
भाषा श्रेणीकरण: |
ऑस्ट्रो-एशियाई
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उपश्रेणियाँ: |
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██ खसिक भाषाएँ |
सदस्य भाषाएँ
संपादित करेंखसिक भाषा-परिवार की मुख्य सदस्य भाषाएँ इस प्रकार हैं:[2]
- खसी भाषा
- प्नार भाषा (पनार), जो जयंतिया भाषा भी कहलाती है और आदि-खसी भाषा से सबसे समीपी जीवित भाषा मानी जाती है
- वार भाषा, जो दक्षिणी क्षेत्रों में बोली जाती है और आम्वी भाषा से मिलती-जुलती है
- आम्वी भाषा
- भोइ भाषा
- लिंगम भाषा (Lyngngam) - इसके वाचक पहले गारो भाषा बोलते थे इसलिए इसमें गारो-खसी के मिश्रित तत्व मिलते हैं
इन्हें भी देखें
संपादित करें- खसी भाषा
- ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ
- निकोबारी भाषाएँ, भारत में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं की एक अन्य शाखा
- मुण्डा भाषाएँ, भारत में बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं की एक अन्य शाखा
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Journal of the South East Asia linguistics society Archived 2016-07-23 at the वेबैक मशीन, Vol. 4.2, December 2011, JSEALS
- ↑ Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin; Bank, Sebastian, eds. (2016). "Khasian Archived 2016-11-23 at the वेबैक मशीन". Glottolog 2.7. Jena: Max Planck Institute for the Science of Human History.