खासी भाषा
खसी (Khasi) या खासी पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य में खसी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की सदस्य है।[1][2] खासी (जिसे खसी, खसिया या क्यी भी कहते हैं) ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाओं के मोन-ख्मेर परिवार की एक शाखा है। २००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार खासी भाषा को बोलने वाले ११,२८,५७५ लोग मेघालय में रहते हैं। खासी भाषा के बहुत से शब्द इण्डो-आर्य भाषाएं जैसे नेपाली, बांग्ला एवं असमिया से लिये गए हैं। इसके अलावा खासी भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है और यह भारत में अभी तक चल रही मोन-ख्मेर भाषाओ में से एक है।
खसी | |
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खसी | |
बोलने का स्थान | भारत, बंगलादेश |
समुदाय | खसी लोग |
मातृभाषी वक्ता | ८,६५,००० (मुख्य रूप से मेघालय राज्य में, १९९७ अनुमान) |
भाषा परिवार |
ऑस्ट्रो-एशियाई
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उपभाषा |
भोई खसी
नोंगलुंग
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राजभाषा मान्यता | |
नियंत्रक संस्था | कोई संगठन नहीं |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-2 | kha |
आइएसओ 639-3 | kha |
इन्हें भी देखें
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संपादित करें- अंग्रेज़ी से खासी सीखीए, प्रथम पाठ, यूट्यूब विडियो
- नेत्रहीनों के लिए खासी ब्रेल की आविषकार-कथा, आई बी एन समाचार, यूट्यूब विडियो