खोंड

भारतीय आदिवासी समूह

खोंड, या कोंध (ओड़िया: କନ୍ଧ) भारत के उड़ीसा राज्य की पहाड़ियों और जंगलों के निवासी हैं। ये कोंड, काँध या कोंध भी कहलाते हैं। इनकी संख्या अनुमानत: 8 लाख से अधिक है, जिनमें से लगभग 5 लाख 50 हजार द्रविड़ परिवार की कुई और उसकी दक्षिणी बोली कुवी बोलते हैं। अधिकांश खोंड अब चावल की खेती करते हैं, लेकिन अब भी कुटिया खोंड जैसे ऐसे कुछ समूह हैं, जो झूम खेती पर निर्भर हैं।[1]

उडी़सा के जनजातीय कुटिया खोंड समूह की एक महिला

खोंड कई शताब्दियों से पश्चिम, उत्तर और पूर्व की ओर के उड़ियाभाषी और दक्षिण की ओर के तेलगुभाषी समूहों के सम्पर्क में है। कुछ हद तक उन्होने अपने पड़ोसियों की भाषाएँ और प्रथाएँ अपना ली हैं। बऊद मैदानों में ऐसे खोंड हैं, जो केवल उड़ियाभाषी हैं, आगे पहाड़ियों में खोंड द्विभाषी हैं, दूरस्थ वनों में केवल कुई बोली जाती है। जाति, अस्पृश्यता और हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में ज्ञान संबंधी हिन्दू प्रथाओं के पालन में एक समान क्रमिक परिवर्तन दिखाई देता है। बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में परसंस्कृतिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ी है।[2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. भारत ज्ञानकोश, खंड-2, पापयुलर प्रकाशन, मुंबई, पृष्ठ संख्या-26, आई एस बी एन 81-7154-993-4
  2. G.S. Ghurye, Caste And Race In India, Popular Prakashan, 2004 reprint, pages 31-33.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें