खोइँछा
खोइँछा एक विशुद्ध पारिवारिक स्थानिक प्रयोग, जिसका शाब्दिक अर्थ 'मुड़ा या मोड़ा हुआ आँचल' होता है। विवाह के बाद कन्या के ससुराल जाते समय मातृस्थानीया महिला अथवा अन्य शुभ अवसरों पर भी पद में छोटी समझी जानेवाले स्त्रियों के आँचल में चावल, हल्दी की गाँठे और कुछ रुपए डालकर, मस्तक में सिंदूर लगाकर, बड़ी बूढ़ियाँ यह रस्म पूरी करती हैं।
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