गल विहार
गल विहार ( सिंहली: ගල් විහාරය ; शाब्दिक अर्थ - शैल विहार) श्रीलंका के प्राचीन शहर पोलोनारूवा में स्थित बुद्ध का एक शैल मंदिर है। इसका मूल नाम उत्तरराम है। यह 12वीं शताब्दी में राजा पराक्रमबाहु प्रथम द्वारा बनाया गया था। मंदिर की मुख्य विशेषता चार चट्टानों पर बनी बुद्ध की मूर्तियां हैं, जिन्हें ग्रेनाइट की एक बड़ी नीस चट्टान के चेहरे पर तराशा गया है। छवियों में एक बड़ी बैठी हुई आकृति, एक कृत्रिम गुफा के अंदर एक और छोटी बैठी हुई आकृति है, एक खड़ी आकृति और एक झुकी हुई आकृति है। इन्हें प्राचीन सिंहली मूर्तिकला और नक्काशी कलाओं के कुछ बेहतरीन उदाहरणों में से एक माना जाता है। गल विहार पोलोनारूवा का सबसे अधिक देखा जाने वाला स्मारक है।
Gal Vihara (Uttararama) | |
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ගල් විහාරය साँचा:Lit | |
![]() The images of Gal Vihara, carved on a single, large rock face. | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | Buddhism |
अवस्थिति जानकारी | |
देश | Sri Lanka |
भौगोलिक निर्देशांक | 7°57′57″N 81°00′18″E / 7.96588°N 81.00497°Eनिर्देशांक: 7°57′57″N 81°00′18″E / 7.96588°N 81.00497°E |
वास्तु विवरण | |
संस्थापक | Parakramabahu I |
निर्माण पूर्ण | 12th century |