गहन कृषि
गहन कृषि या सघन कृषि जीविका कृषि का एक प्रकार है जिसे भूमि पर अत्यधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में किया जाता है। यह श्रमसाध्य कृषि है जहाँ उत्पादन को बढ़ाने के लिए अधिक मात्रा में जैव-रसायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है। अधिक धूप वाले दिनों से युक्त जलवायु और उर्वर मृदा वाले खेतों में एक ही वर्ष में एकाधिक फसल उगाया जा सकता है। यह कृषि दक्षिणी, दक्षिण पूर्वी और पूर्वी एशिया के सघन जनसंख्या वाले प्रदेशों में प्रचलित है।
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, १९५६ के कारण पीढ़ी दर जोतों का आकार छोटा और अलाभप्रद होता जा रहा है। कृषक वैकल्पिक रोजगार न होने के कारण सीमित भूमि से अधिकतम उपज लेने की चेष्टा करते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- विस्तीर्ण खेती (extensive farming)
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