ग़ज़वा -ए- सफ़वान (अंग्रेज़ी:First Expedition to Badr) ग़ज़वे सफ़वान जिसे पहली बद्र की लड़ाई के रूप में भी जाना जाता है रबीउल अव्वल 2 एएच (सितंबर 623 ईस्वी) के महीने में हुआ था। कुर्ज़ इब्न जाबिर अल-फ़िहरी के नेतृत्व में एक समूह ने मदीना के चरागाहों पर हमला किया और मुसलमानों के मवेशियों को लूट लिया। इस कारण से, मुहम्मद ने सत्तर आदमियों की सेना के साथ उनका पीछा किया और बद्र के पास सफवान घाटी में पहुँचे। लेकिन कुर्जे का समूह भागने में सफल रहा। फिर मुसलमान मदीना लौट आए। अली इब्न अबी तालिब ने अभियान का सफेद झंडा उठाया। अभियान के दौरान, ज़ैद बिन हारिसा को मदीना के अमीर के रूप में नियुक्त किया गया था। [1][2][3]

ग़ज़वा संपादित करें

अरबी शब्द ग़ज़वा [4] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है [5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "ग़ज़वा -ए- ज़ुल उशैरा". www.archive.org. पृ॰ 401. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
  2. Al-Mubarakpuri, Saifur Rahman (2002), When the Moon Split, DarusSalam, पृ॰ 147
  3. Hajjah Amina Adil (2002), Muhammad, the Messenger of Islam: His Life & Prophecy, Islamic Supreme Council of America, पृ॰ 292, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1-930409-11-7
  4. Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
  5. siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें