गिनतारा

गणना के उपकरण

गिनतारा (अंग्रेजी: ऐबकस्) जिसे गणक सांचा भी कह सकते हैं, एक गणन उपकरण होता है, जिसका प्रयोग एशिया के भागों में अंकगणितीय प्रकायों के लिये किया जाता था। आज, गिनतारा अपने वर्तमाण रूप में, तारों पर बंधे मोतियों वाले एक बांस फ्रेम के रूप में दिखाई पड़ता है, लेकिन वे मूल रूप से ये फली के बीजों या पत्थरों या लकड़ी, पत्थर या धातु की गोलियों को रेत में खांचों/क्यारियों में चला कर प्रयोग किये जाते थे। लिखित प्रणाली के आरंभ से शताब्दियों पूर्व इनका प्रयोग किया जाता था। आज भी एशिया, अफ़्रीका आदि कई स्थानों पर व्यापारियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोक्ता को गिनतारारे कहते हैं। इसका उपयोग सबसे पहले चीन ने किया था

एक चीनी गिनतारा
कैल्कुलेटिंग टेबल, : ग्रेगोर रेइश, मार्गरीटा फिलॉसोफिका, १५०९

प्राचीन दुनिया में, विशेष रूप से स्थितीय संकेतन की शुरुआत से पहले, एबाक्यूज़ एक व्यावहारिक गणना उपकरण था। गिनतारा के विभिन्न आधुनिक कार्यान्वयन हैं। कुछ डिज़ाइन, जैसे मनके फ्रेम, जिसमें दसियों में विभाजित मोती होते हैं, का उपयोग मुख्य रूप से अंकगणित सिखाने के लिए किया जाता है, हालांकि वे सोवियत-सोवियत राज्यों में एक उपकरण के रूप में लोकप्रिय हैं। जापानी सोरोबन जैसे अन्य डिजाइनों का उपयोग व्यावहारिक गणना के लिए किया गया है,

हालाँकि आज कैलकुलेटर और कंप्यूटर का उपयोग आमतौर पर एबेक्यूस के बजाय किया जाता है, एबाक्यूस अभी भी कुछ देशों में आम उपयोग में है। पूर्वी यूरोप, रूस, चीन और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में व्यापारी, व्यापारी और क्लर्क अभद्रता करते हैं, और वे अभी भी बच्चों को अंकगणित सिखाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। कुछ लोग जो दृश्य हानि के कारण कैलकुलेटर का उपयोग करने में असमर्थ हैं, वे गिनतारा का उपयोग कर सकते हैं।

ऐसा माना गया कि जब से गिनतारा बना तभी से कंप्यूटर का विकास शुरू हुवा गिनतारा का बनना एक बहुत बड़ी क्रन्तिकारी परिवर्तन था क्योकि इसी से कंप्यूटर का इतिहास शुरू हुवा | जो आज के समय में काफी उपयोग किया जाता हैं आपमे से ज्यादातर लोगो को पता ही होगा की कंप्यूटर क्या हैं? क्योकि आज की दुनिया लभगग पूरी तरह कंप्यूटर पैर निर्भर है | आज कंप्यूटर का उपयोग हर कोई कर रहा है ये सब गिनतारा के अविष्कार से शुरू हुवा |

== चित्र दीर्घा ==

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