गिर वन्यजीव अभ्यारण्य

गुजरात में स्थित वन्यजीव अभयारण्य
(गीर राष्ट्रीय उद्यान से अनुप्रेषित)

गिर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात में राज्य स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य प्राणी अभयारण्य हैं, जो एशिया में सिंहों का एकमात्र निवास स्थान होने के कारण जाना जाता है। गिर अभयारण्य १,४२४ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें २५८ वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और १,१५३ वर्ग किलोमीटर वन्य प्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्य जीव अभयारण्य है, जो १८.२२ किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग हैं। सिंह दर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। गिर के जंगल को सन् १९६९ में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया गया और इसके छह वर्ष बाद इसका १४०.४ वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्‍यारण्‍य अब लगभग २५८.७१ वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान करने के कई प्रयासों के फलस्वरूप इस अभ्यारण्य में सिंहों की संख्या बढ़कर अब ३१२ हो गई है।

गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य
आईयूसीएन श्रेणी द्वितीय (II) (राष्ट्रीय उद्यान)
गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य
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अवस्थितिजूनागढ़, अमरेली, गिर सोमनाथ, गुजरात भारत
निकटतम शहरजूनागढ़
निर्देशांक21°08′08″N 70°47′48″E / 21.13556°N 70.79667°E / 21.13556; 70.79667निर्देशांक: 21°08′08″N 70°47′48″E / 21.13556°N 70.79667°E / 21.13556; 70.79667
क्षेत्रफल1,412 km²
स्थापित1965
आगंतुक60,000   (2004 में)
शासी निकायवन विभाग, गुजरात
गिर में एक एशियाई सिंह

गिर वन्य जीव अभयारण्य का इतिहास १०० सालों से अधिक पुराना है और इसकी पूर्वभूमिका प्राचीन इतिहास के साथ संबंध रखती है। भारत और अन्य विस्तार में प्राचीन काल में सिंहों की प्रजाति का महत्त्व है और लोकवार्ता में सिंह को जंगल का राजा कहाँ जाता है। प्राचीन प्रतीकों में भी सिंह का उल्लेख मिलता है। सनातन धर्म में माँ अम्बा का वाहन सिंह है। बाद में सिंहों की प्रजाति न केवल भारत किंतु एशिया के विस्तार से विलुप्त होने लगी और सन् १९०० के आसपास केवल गुजरात क्षेत्र में मात्र १५ सिंह ही बचे थे।[1] तब जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब द्वारा गिर क्षेत्र को सिंहों के लिए आरक्षित घोषित करके सिंहों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था।[1][2]

प्राचीन काल में पूरे भारत और एशिया के दूसरे देशों में भी सिंह पाए जाते थे। सिंगापुर का नाम सिंह के ऊपर से पड़ा है, जिसका अर्थ सिंहों का नगर होता है।[3] भारत के प्राचीन ग्रंथों में राजाओं के द्वारा बहादुरी दिखाने के लिए सिंहों के शिकार का उल्लेख मिलता है। भारत में कुछ जाति के लोग अपना उपनाम भी सिंह रखते हैं। सिंह को शौर्य और वीरता का प्रतीक माना जाता है। सिंहों के शिकार की प्रणाली, जंगलों का कट जाना, सिंहों के लिए सुयोग्य वातावरण प्राप्त न होना, पानी और भोजन आदि समस्याओं के चलते धीरे-धीरे भारत से सिंहों की प्रजाति लुप्त होने लगी। भारत में गिर के अलावा अन्य विस्तार में जीवित हालत में सिंह ईस्वी सन् १९८४ में पाया गया था, जिसका उल्लेख दर्ज किया गया है।[4] संभावित बिहार में १८४०, पूर्वी विंध्याचल और बुंदेलखंड में १८८५, दिल्ली में १८३४, भावलपुर में १८४२, मध्य भारत और राजस्थान में १८७० और पश्चिमी विस्तार में १८८० के आसपास सिंह विलुप्त हो गए।[4] १९०० में केवल गुजरात में ही सिंह रह गए और जीवित सिंहों की संख्या मात्र १५ थी तब जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब के द्वारा गिर विस्तार को अभयारण्य के रूप में घोषित किया और शिकार पर पाबंदी लगा दी। उसके बाद गिर में सिंहों का संवर्धन हुआ है और सिंहों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

पिछले कुछ वर्षो में गिर के जंगलों से कुदरती रीत से सिंहों ने अमरेली जिले के कुछ विस्तारों में स्थानांतरण किया और इस विस्तार को भी अपना निवास स्थान बनाया। जूनागढ़ जिले के बाद सब से अधिक सिंह अमरेली जिले में पाए जाते हैं। गुजरात सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए आंबरडी पार्क का भी निर्माण हुआ है।

गिर अभयारण्य विस्तार में शीत, उष्ण और उष्णकटिबंधीय वर्षा ऋतु होती है। उष्ण ऋतु में यहाँ की आबोहवा बहुत ही गरम रहती है। द्वितीय प्रहर में तापमान का पारा ४३° से॰ (१०९° फे॰) तक रहता है। शीत ऋतु में तापमान का पारा १०° से॰ (५०° फे॰) तक नीचे चला जाता है। वर्षाकाल में आबोहवा में भेज का प्रमाण ज्यादा रहता है। सामान्यतः यहाँ वर्षा ऋतु का आरंभ जून के मध्य से होता है और सितंबर तक बारिश होती है। वर्ष में १००० मिमी तक पानी बरसता है। कभी कभी अकाल भी पड़ता है। दिसंबर से मार्च तक शीत ऋतु रहती है। अप्रैल से उष्णतामान बढ़ जाता है और जून के कुछ दिनों तक गर्मी का मौसम रहता है।[5]

सूखें पताड़ वाले वृक्षों, कांटेदार झाड़ियों के अलावा हरे-भरे पेड़ों से समृद्ध गिर का जंगल नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां के मुख्य वृक्षों में सागवान, शीशम, बबूल, बेर, जामुन, बील आदि है। गिर अभ्यारण्य मूलतः शेरों के लिए विख्यात है, हालाँकि भारत के सबसे बड़े कद का हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा और बारहसिंगा भी यहां देखा जा सकता है साथ ही यहां भालू और बड़ी पूंछ वाले लंगूर भी भारी मात्रा में पाए जाते है। गिर भारत का एक अच्छा पक्षी अभयारण्य भी है। यहां फलगी वाला बाज, कठफोडवा, एरीओल, जंगली मैना और पैराडाइज फलाईकेचर भी देखा जा सकता है। साथ ही यह अधोलिया, वालडेरा, रतनघुना और पीपलिया आदि पक्षियों को भी देखने के लिए उपयुक्त स्थान है। इस जंगल में मगरमच्छों के लिए फॉर्म का विकास किया जा रहा है।

गिर में सिंहों की संख्या और विस्तार

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वर्ष संख्या बाघ:बाघिन:शावक
१९६८ १७७ -
१९७४ १८० -
१९७९ २०५ ७६:१००:८५
१९८४ २३९ ८८:१००:६४
१९९० २८४ ८२:१००:६७
१९९५ ३०४ ९४:१००:७१
२००० ३२७ -
२००५ ३५९ -
वर्ष जिला शावक नर मादा श्रेणिरहित नर मादा कुल
२०१० जूनागढ़ ५६ १५ १२ १८ ५८ १११ २७०
अमरेली १३ ११ २८ ४० १०८
भावनगर ११ ११ '३३
कुल ७७ २३ २३ २९ ९७ १६२ ४११
२०१५ जूनागढ़ ७६ १४ १२ ६२ १०४ २६८
अमरेली ४२ १५ १४ ३० ६४ १७४
भावनगर ११ १५ ३७
गिर सोमनाथ १८ १८ ४४
कुल १४० ३२' २८ १३ १०९ २०१ ५२३[6]
  1. "Conservation History of Gir National Park" [गिर राष्ट्रीय उद्यान का संरक्षण इतिहास] (अंग्रेज़ी में). Indian Holiday pvt. ltd. मूल से 4 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2018.
  2. सिसोदिया, संदीप (२०१०). "सिंहों पर मंडराता संकट". लेख. dw.com. मूल से 4 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 फरवरी 2018.
  3. Mohamed, Zaubidah. "Lion Head Symbol" [सिंह पहचान का चिह्न]. http://infopedia.nl.sg/articles/SIP_117_2004-12-21.html (अंग्रेज़ी में). National Library Singapore. मूल से पुरालेखित 19 मई 2019. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2018. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  4. "asiatic lion history" [एशियाई सिंहो का इतिहास] (अंग्रेज़ी में). asiaticlion.org. मूल से 24 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2018.
  5. "Climate in Gir National Park" [गिर राष्ट्रीय उद्यान में जलवायु] (अंग्रेज़ी में). Indian Holiday Pvt. Ltd. मूल से 6 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फरवरी 2018.
  6. "Number of Asiatic lions in Gir goes up, reaches 523: Census" [गिर में एशियाई शेरों की संख्या बढ़ी, 523 तक पहुंची: जनगणना]. समाचार (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ इण्डिया. पीटीआई. २०१५. मूल से 8 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फ़रवरी 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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