गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय

गुरु घासीदास विश्‍वविद्यालय भारत का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी स्‍थापना 16 जून 1983 को तत्‍कालीन मध्‍यप्रदेश के बिलासपुर में हुई थी।[1] मप्र के विभाजन के पश्‍चात बिलासपुर छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। जनवरी 2009 में केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश में केंद्रीय विश्‍वविद्यालय अधिनियम 2009 के माध्‍यम से इसे केंद्रीय विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिया गया।

गुरू घासीदास विश्‍वविद्यालय

आदर्श वाक्य:ज्ञान पंथ कृपान के धारा
स्थापित१६ जून १९८३
प्रकार:सार्वजनिक
कुलपति:प्रो॰ आलोक चक्रवाल
अवस्थिति:बिलासपुर, छत्तीसगढ़, भारत
परिसर:शहरी
सम्बन्धन:यूजीसी
जालपृष्ठ:www.ggu.ac.in

औपचारिक रूप से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU), राज्य विधानसभा के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था, औपचारिक रूप से 16 जून 1983 को उद्घाटन किया गया। यह भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ और राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ का एक सक्रिय सदस्य है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) से बी+ के रूप में मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित विश्वविद्यालय को उचित नाम, महान संत गुरू घासीदास (जन्म 17 वीं सदी में) के सम्मान स्वरूप दिया गया जिन्होने दलितों, सभी सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के खिलाफ एक अनवरत संघर्ष छेड़ा था। विश्वविद्यालय एक आवासीय सह सम्बद्ध संस्था है, इसका अधिकार क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर राजस्व डिवीजन है।

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सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2011.