गुलबदन बेगम
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गुलबदन बेगम बाबर की बेटी थी। उसे अपने सौतेले भाई हुमायूं के जीवन चित्रण हुमायूं नामा की लेखक के रूप में जाना जाता है।[1][2]
गुलबदन बेगम | |
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जन्म |
1523 काबुल |
मौत |
7 फ़रवरी 1603 आगरा |
समाधि | बाग-ए-बाबर |
नागरिकता | मुग़ल साम्राज्य |
पेशा | इतिहासकार, लेखक |
प्रसिद्धि का कारण | हुमायूंनामा |
धर्म | इस्लाम, सुन्नी इस्लाम |
माता-पिता | बाबर |
बाग-ए-बाबर |
ज़िंदगी
संपादित करेंगुलबदन बेगम का जन्म १५२३ ई० में काबुल में हुआ और १६०३ ई० में उसका स्वर्गवास हो गया। उनकी माँ का नाम दिलदार बेगम था। अलवर मिर्ज़ा और हिन्दार मिर्ज़ा सगे भाई थे। और गुलरंग बेगम और गुल चेहरा बेगम सगी बहनें थीं। हुमायूँ, कामरान और अस्करी की माएं दूसरी थीं। जब गुल-बदन बेगम पैदा हुई उस वक़्त ज़हीर उद्दीन बाबर हिन्दोस्तान को फ़तह करने की जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ था। लेकिन वो अपने इरादा को ढाई साल बाद अमली जामा पहना सका।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Biography Archived 2014-07-14 at the वेबैक मशीन Part I, Humayun Nama
- ↑ The Humayun Nama: Gulbadan Begum's forgotten chronicle Archived 2012-09-28 at the वेबैक मशीन Yasmeen Murshed, The Daily Star, 27 June 2004.
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