गुलाबी गैंग
भारत में औरतों का एक समूह
गुलाबी गैंग महिलाओं का समूह है जो पहली बार उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में दिखाई दिया। यह व्यापक घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अन्य प्रकार की हिंसा की प्रतिक्रिया के रूप में दिखाई दिया।[1] इसकी कमान पहले संपत पाल ने संभाली थी। समूह में 18 से 60 वर्ष की महिलाएं शामिल हैं। इसका प्रसार 2010 के बाद काफी हुआ है। यह उत्तर भारत भर में, सड़कों पर और स्थानीय राजनीति दोनों में सक्रिय है।[2]
गुलाबी गैंग का अनौपचारिक रूप से मुख्यालय उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बडौसा में है। 2003 तक योजना आयोग के पिछड़ेपन के सूचकांक के आधार पर 447 जिलों की सूची में इसका 154वां स्थान था। जिले में दलित आबादी काफी है जिनके साथ भेदभाव होता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल से अमर उजाला की खास बातचीत, कहा महिला उत्थान के सरकारी दावे खोखले". अमर उजाला. मूल से 15 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2019.
- ↑ "पार्क-चौपाटी में प्री-मानसून की मस्ती". अभिगमन तिथि 25 जून 2019.