गैबरीला मिस्त्राल (1889-1957) चिली की कवयित्री थी। 1945 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता।

गैबरीला मिस्त्राल
गैबरीला मिस्त्राल
जन्म7 अप्रैल, 1889
विकुना,
चिली
मौत10 जनवरी, 1957
पेशाचिली-साहित्य
भाषास्पेनिश
राष्ट्रीयताचिली
कालआधुनिक
विधाकविता
उल्लेखनीय कामsसाॅनेट्स ऑफ डेथ (मृत्यु-गीत) - 1914

हस्ताक्षर

जीवन-परिचय

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गैबरीला मिस्त्राल का वास्तविक नाम ल्यूसिला गोदोई ई अलकायागा था।[1] इनका जन्म चिली के विकुना गाँव में 7 अप्रैल 1889 ई० को हुआ था।[2] इनके पिता स्थानीय त्योहारों के लिए गाने लिखते थे और आवारा किस्म के व्यक्ति थे। जब गैबरीला मात्र 3 वर्ष की थी तभी पिता ने हमेशा के लिए परिवार से नाता तोड़ लिया था। इनकी माता माण्टे ग्रांडे नगर में आ बसी थी और वहीं रिश्ते की एक बहन ने इन्हें पढ़ाना आरंभ कर दिया था। मिस्त्राल में भी अध्यापिका बनने की प्रवृत्ति जगी और 1907 में में वह सहायक अध्यापिका हो गयी थी। कविता के प्रति उनकी स्वाभाविक अभिरुचि थी और अपने विचार वे कविता के द्वारा प्रकट करने लगी थी। यहीं उनका रेल पटरी मजदूर उरेटा से प्रेम हुआ था, परंतु विचारों में मतभेद होने के कारण उन्होंने शादी की बात छिपाकर ही रखी। 2 साल बाद उरेटा ने निराश होकर आत्महत्या कर ली। इसी से दुखी होकर मिस्त्राल ने साॅनेट्स ऑफ डेथ नामक कविता-पुस्तक लिखी थी।[3] इस पुस्तक का प्रकाशन 1914 में हुआ था और इसे चिली में साहित्यिक प्रतियोगिता में पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। इससे स्पेनिश भाषी देशों में मिस्त्राल की ख्याति फैल गयी थी। मिस्त्राल का एक और प्रेम-संबंध हुआ था, परंतु वह भी बुरी तरह असफल रहा था।[3] 1921 ई० में मिस्त्राल चिली की राजधानी सेंटियागो के स्कूल में प्रिंसिपल हो गयी थी।

रचनात्मक परिचय

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मिस्त्राल की दूसरी पुस्तक डिसोलेशन कोलंबिया विश्वविद्यालय से प्रकाशित हुई थी। पहली पुस्तक की तरह इसमें भी उनके पुराने प्रेमी की आत्महत्या आदि से संबंधित शोकोद्गार थे। कोलंबिया विश्वविद्यालय से प्रकाशन के कारण उनका नाम अंतर्राष्ट्रीय जगत में विख्यात हो गया।

मिस्त्राल की रचनाओं में बच्चों और दलितों के प्रति गहरी सहानुभूति पायी जाती है। उनकी गद्यात्मक रचनाओं की भाषा पर उनकी अपनी गहरी छाप है और उनमें प्रबल संवेदनशीलता देखी जाती है। बच्चों के लिए उन्होंने जो कुछ लिखा है उसमें मातृत्व का वात्सल्य भरा है। उनकी कविताओं के अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच, इटालियन, जर्मन, और स्वीडिश, भाषाओं में भी हुए हैं।[4]

प्रकाशित पुस्तकें

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  1. साॅनेट्स ऑफ डेथ (मृत्यु-गीत) - 1914
  2. डिसोलेशन - 1921
  3. टैंडरनेस - 1924
  4. डिवास्टेशन - 1938
  5. चयनित रचनाएँ (चिली में) - सात जिल्दों में - 1954
  1. हिंदी विश्वकोश, खंड-6, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, संस्करण-1966, पृष्ठ-451.
  2. नोबेल पुरस्कार कोश, सं०-विश्वमित्र शर्मा, राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली, संस्करण-2002, पृ०-238.
  3. नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार, राजबहादुर सिंह, राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली, संस्करण-2007, पृ०-152.
  4. नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार, पूर्ववत्, पृ०-153.