गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) या अलाभकारी संगठन (एनपीओ) व्यक्तियों, कार्यकर्ताओं, स्वयं सेवकों (वोलंटीयर्स) और सामाजिक कल्याण में जुटे लोगों का एक समूह अथवा संगठन होता है.गैर सरकारी संगठन या अलाभकारी संगठन एक ऐसा सामाजिक स्वेच्छिक संगठन होता है जिसके बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ता, व्यक्तियों का समूह, समुदाय, नागरिक, वोलंटीयर्स आदि जन सेवक समाज के कल्याण और विकास के लिए कार्य करते हैं.[1]

यदि व्यक्तियों का समूह या कोई समुदाय सामाजिक परिवर्तन पर या किसी ऐसे ही मुद्दे पर कार्य करना चाहता है या करता है तो वह भी बिना रजिस्टर्ड की हुई स्वयंसेवी संस्था (NGO) में आता है. एनजीओ रजिस्टर्ड भी हो सकती है और बिना पंजीकरण करवाए भी कोई समूह या संस्था समाज सेवा का कार्य कर सकती है. सरकार अथवा अनुदानदाता संगठनों से आर्थिक सहायता या अनुदान लेने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया जरूरी है. अगर कोई समूह अनुदान नहीं लेना चाहे तो पंजीकरण जरुरी नहीं है.

एनजीओ को किसी भी पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से पंजीकृत किया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चाहे ट्रस्ट या चैरिटेबल ट्रस्ट, सोसाइटी, नॉन प्रॉफिट कंपनी या किसी अन्य प्रकार के सामाजिक सेवा संस्थान के रूप में संबंधित राज्य और देश के लागू नियमों और कानूनों के तहत पंजीकृत किया गया हो वह संगठन गैर लाभकारी संस्थान (एनजीओ) ही होता है. एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) को गैर लाभकारी संस्थान (एनपीओ) भी कहा जाता है. सामाजिक संगठन, धर्मार्थ संगठन, समाज सेवा संस्थान, समाज कल्याण संगठन, सामाजिक विकास संस्थान, स्वेच्छिक संस्थान, नागरिक समाजिक संस्थान, जनसमुदाय आधारित संगठन या अन्य नामों से एनजीओ को जाना जाता है, जो सामान्य तौर पर, यह एक प्रकार का सामाजिक कल्याण संगठन होता है जो समाज कल्याण और समाज के विकास के लिए काम करता है.[2][3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "गैर सरकारी संगठन -". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-12-18.
  2. "गैर सरकारी संगठनों की भूमिका". Drishti IAS (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-12-18.
  3. "सार्वजनिक शिक्षा में सुधार के लिए गैर-सरकारी संगठनों के प्रयास". University Practice Connect (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-12-18.