गोदावरी परुलेकर
भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, लेखक, और सामाजिक कार्यकर्ता
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गोदावरी परुलेकर मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक आत्मकथा जेव्हा माणूस जागा होतो के लिये उन्हें सन् 1972 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
गोदावरी परुलेकर | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | मराठी भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | आत्मकथा |
आंदोलन | पश्चिम महाराष्ट्र के आदिवासी ,वारली लोगो के हक्को के लिये आंदोलन किये |
उल्लेखनीय कामs | जेव्हा माणूस जागा होतो |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
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