गोलीय विपथन (Spherical aberration), प्रकाशीय प्रणालियों में पायी जाने वाली एक दोष है। यह उन प्रणालियों में देखने को मिलता है जिनमें गोलीय तल वाले प्रकाशीय उपकरण (जैसे गोलीय दर्पण, गोलीय लेंस आदि) का उपयोग करते हैं। इन प्रणालियों से बनने वाली प्रतिबिम्ब की गुणवत्ता, गोलीय विपथन के कारण, अच्छी नहीं होती।

ऊपर वाले चित्र में गोलीय विपथन का दोष नहीं है, जबकि नीचे वाले चित्र में है।

उदाहरण के लिये, यदि किसी गोलीय दर्पण का द्वार (वस्तुतः द्वार और फोकस दूरी का अनुपात) बड़ा हो तो उसमें गोलीय विपथन की समस्या होती है। इसके स्थान पर यदि परवलयाकार (परबोलोइदल) दर्पण प्रयोग किया जाय तो यह समस्या नहीं होगी। गोलीय विपथन को कम करने या समाप्त करने के और भी उपाय हैं।

गोलीय विपथन की समस्या परिनालिका द्वारा आवेशिक कणों की बीम को फोकस करने पर भी आती है और इससे परिनालिका से निकलने वाले कण-पुंज के एमिटैन्स में वृद्धि हो जाती है।

इन्हें भी देखें

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