वर्ण विपथन
प्रकाशिकी में, लेंस द्वारा सभी रंग की किरणों को एक ही बिंदु पर केंद्रित न करके अलग-अलग बिन्दुओं पर केन्द्रित करना वर्ण विपथन (chromatic aberration) कहलाता है। इसे वर्ण विरूपण (chromatic distortion) भी कहते हैं।[1] इसका कारण यह है कि लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक प्रकाश भिन्न-भिन्न तरंग दैर्घ्य (या रंग) के लिए भिन्न-भिन्न होता है, एक ही नहीं। अधिकांश पारदर्शी पदार्थों का अपवर्तनांक बढ़ती तरंग दैर्घ्य के साथ घटता जाता है।[2] चूँकि लेंस की फोकस दूरी अपवर्तनांक पर निर्भर करती है, इसलिये अपवर्तनांक की यह भिन्नता सभी रंग की किरणों को एक ही बिन्दु पर फोकस नहीं कर पाती।[3] फोटोग्राफी में, वर्ण-विपथन के कारण फोटो के उन स्थानों पर "किनारों" (फ्रिंज) दिखने लगते हैं जहाँ धुंधली (dark) और चमकीले (bright) भाग जुड़ते हैं।
प्रकार
संपादित करेंवर्ण-विपथन दो प्रकार का होता है-
- (१) अक्षीय वर्ण-विपथन (axial chromatic aberration)
- (२) पार्श्विक वर्ण-विपथन (lateral chromatic aberration)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Marimont, D. H.; Wandell, B. A. (1994). "Matching color images: The effects of axial chromatic aberration" (PDF). Journal of the Optical Society of America A. 11 (12): 3113. डीओआइ:10.1364/JOSAA.11.003113. बिबकोड:1994JOSAA..11.3113M. मूल (PDF) से 2016-03-05 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-08-28.
- ↑ Thibos, L. N.; Bradley, A; Still, D. L.; Zhang, X; Howarth, P. A. (1990). "Theory and measurement of ocular chromatic aberration". Vision Research. 30 (1): 33–49. PMID 2321365. S2CID 11345463. डीओआइ:10.1016/0042-6989(90)90126-6.
- ↑ Kruger, P. B.; Mathews, S; Aggarwala, K. R.; Sanchez, N (1993). "Chromatic aberration and ocular focus: Fincham revisited". Vision Research. 33 (10): 1397–411. PMID 8333161. S2CID 32381745. डीओआइ:10.1016/0042-6989(93)90046-Y.