हार्मोन
हार्मोन या ग्रन्थिरस या अंत:स्राव जटिल कार्बनिक पदार्थ हैं जो सजीवों में होने वाली विभिन्न जैव-रसायनिक क्रियाओं, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन आदि का नियमन तथा नियंत्रण करता है। ये कोशिकाओं तथा ग्रन्थियों से स्रावित होते हैं। हार्मोन साधारणतः अपने उत्पत्ति स्थल से दूर की कोशिकाओं या ऊतकों में कार्य करते हैं इसलिए इन्हें 'रासायनिक दूत' भी कहते हैं। इनकी सूक्ष्म मात्रा भी अधिक प्रभावशाली होती है। इन्हें शरीर में अधिक समय तक संचित नहीं रखा जा सकता है अतः कार्य समाप्ति के बाद ये नष्ट हो जाते हैं एवं उत्सर्जन के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिए जाते हैं। हार्मोन की कमी या अधिकता दोनों ही सजीव में व्यवधान उत्पन्न करती हैं। हार्मोन की व्यापक परिभाषा (एक संकेत अणु के रूप में जो अपने उत्पादन स्थल से दूर अपना प्रभाव डालता है) के कारण, कई प्रकार के अणुओं को हार्मोन के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।


जिन पदार्थों को हार्मोन माना जा सकता है, उनमें ईकोसैनोइड्स (जैसे प्रोस्टाग्लैंडीन और थ्रोम्बोक्सेन), स्टेरॉयड (जैसे एस्ट्रोजन और ब्रासिनोस्टेरॉयड), अमीनो एसिड व्युत्पन्न (जैसे एपिनेफ्रीन और ऑक्सिन), प्रोटीन या पेप्टाइड्स (जैसे इंसुलिन और सीएलई पेप्टाइड्स) और गैसें (जैसे एथिलीन और नाइट्रिक ऑक्साइड) शामिल हैं।
परिचय
पौधों एवं जन्तुओं दोनो के अपने अपने हार्मोन होते हैं। पौधों में पाए जाने वाले हार्मोन को वनस्पति हार्मोन या पादप हार्मोन कहते हैं। ये जटिल कार्बनिक यौगिक पौधों के एक भाग में निर्मित होकर अन्य भागों में स्थानान्तरित हो जाते हैं तथा उन अंगों की वृद्धि, जैविक क्रियाओं पर नियन्त्रण एवं उनके बीच समन्वय स्थापित करते हैं। वनस्पित हार्मोन वृद्धि, विकास, कोशिका-विभाजन, बीजों के अंकुरण, कलिका निर्माण, अपस्थानिक जड़ों की वृद्धि, फलों के निर्माण, अपरिपक्व फलों एवं पत्तियों को गिरने से रोकने, कैम्बियम की सक्रियता एवं पौधों में होने वाली विभिन्न जैविक क्रियाओं के नियन्त्रण में सहायता करते हैं। जन्तुओं में हार्मोन का स्त्राव आमतौर पर अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों द्वारा होता है। ये ग्रन्थियाँ मेरूदण्डी प्राणियों में विकसित होती हैं। इनमें हार्मोन रक्त के माध्यम से अपने कार्य स्थलों तक पहुँच जाते हैं। ये प्रायः प्रोटीन, स्टेरायड, पोली पेप्टाइड प्रकृति के होते हैं।
हार्मोन अपने कार्य स्थल की कोशिकाओं के कार्यों को प्रभावित करते हैं। इनके कार्य करने के तरीके इनकी रासायनिक प्रकृति के अनुसार भिन्न-भिन्न होते हैं। प्रोटीन हार्मोन एवं पोली पेप्टाइड हार्मोन कोशिकाओं की सतह पर उपस्थित संयोजको से जुड़कर कोशिका के कोशिका द्रव में रासायनिक परिवर्तन कर देते हैं जिसके परिणाम स्वरूप अपेक्षित कार्य सम्पन्न हो जाता है। स्टेरायड हार्मोन कोशिका झिल्ली को पारकर कोशिका में प्रवेश करते हैं एवं कोशिका द्रव मे किसी संयोजक से संयोग करने के बाद केन्द्रक में पहुँच जाते हैं। केन्द्रक में ये सीधे डीएनए से संयोग करके प्रोटीन संश्लेषण को प्रभावित करते हैं।[1] सभी स्टेरायड हार्मोनों के संयोजक कोशिका के कोशिका द्रव में नहीं होते हैं, कुछ के संयोजक कोशिका झिल्ली में भी स्थित रहते हैं।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Beato M, Chavez S and Truss M (1996). "Transcriptional regulation by steroid hormones". Steroids. 61 (4): 240–251. डीओआई:10.1016/0039-128X(96)00030-X. पीएमआईडी 8733009.
- ↑ Hammes SR (2003). "The further redefining of steroid-mediated signaling". Proc Natl Acad Sci USA. 100 (5): 21680–2170. डीओआई:10.1073/pnas.0530224100. पीएमआईडी 12606724.