ग्रहीय नीहारिका

उत्सर्जन निहारिका का प्रकार

ग्रहीय नीहारिका ऐसी नीहारिका को कहते हैं जो किसी बड़ी आयु के तारे के इर्द-गिर्द आयोनिकृत (आयोनाइज़्ड) गैस के फैलते हुए खोल से बनी हुई होती है।[1] इनका किसी ग्रह से कोई सम्बन्ध नहीं है लेकिन इनका नाम "ग्रहीय नीहारिका" १८वी सदी के खगोलशास्त्रियों ने इसलिए रख दिया क्योंकि अपनी कमज़ोर दूरबीनों से उन्हें ऐसी नीहरिकाएँ भीमकाय ग्रहों की तरह लगीं। ग्रहीय नीहरिकाएँ केवल कुछ दसियों हज़ार सालों तक ही रहती हैं और फिर व्योम में तितर-बितर हो जाती हैं, जबकि तारों की उम्र अरबों वर्षों की होती है।

बिल्ली की आँख निहारिका (कैट्स आय नेब्युला) एक O7 श्रेणी के तारे के इर्द-गिर्द बनी एक ग्रहीय नीहारिका है

ऐसी नीहरिकाएँ तारों से उत्पन्न तारकीय आंधी से बन जाती हैं। किसी भी आकाशगंगा में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि यह तारे में बने कार्बन, आक्सीजन, नाइट्रोजन और कैल्शियम जैसे भारी रासायनिक तत्वों को अंतरतारकीय माध्यम में फैला देती हैं।

अन्य भाषाओँ में

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"ग्रहीय नीहारिका" को अंग्रेजी में "प्लैनेट्री नेबुला" (planetary nebula) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. Frankowski & Soker 2009, पृष्ठ 654–8