घंसौर
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घंसौर (Ghansaur) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]
घंसौर Ghansaur / Ghansor | |
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निर्देशांक: 22°39′29″N 79°56′56″E / 22.658°N 79.949°Eनिर्देशांक: 22°39′29″N 79°56′56″E / 22.658°N 79.949°E | |
देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | सिवनी ज़िला |
क्षेत्रफल | |
• शहर | 1096 किमी2 (423 वर्गमील) |
• नगरीय | 5.16 किमी2 (1.99 वर्गमील) |
• देहात | 1091.31 किमी2 (421.36 वर्गमील) |
क्षेत्र दर्जा | नगरीय/ग्रामीण |
जनसंख्या (2011) | |
• शहर | 7,120 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 480997 |
दूरभाष कोड | 07693 |
वाहन पंजीकरण | MP-22 |
विवरण
संपादित करेंघंसौर एक छोटा कस्बा और ग्राम पंचायत है। तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस का मुख्यालय है, व्यवहार न्यायालय संचालित है, घंसौर को जनपद पंचायत का दर्जा है यह विकासखंड की 77 ग्राम पंचायतों का मुख्यालय है एक रेलवे स्टेशन है जो जबलपुर और गोंदिया को जोड़ने वाले दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे बिलासपुर जोन क्षेत्र में आता है। घंसौर से होकर स्टेट हाइवे गुजरता है जो पश्चिम की ओर लखनादौन से गुजरने वाले देश के उत्तर से दक्षिण के कारीडोर मार्ग को जोड़ता है जबकि पूर्व की ओर मंडला जिला मुख्यालय एवं रायपुर मार्ग को जोड़ता है व्यापारिक एवं औद्योगिक दृष्टि से मार्ग के जरिये मप्र की सिहोरा जबलपुर की लोहअयस्क खदानों से कच्चा माल रायपुर की स्टील निर्माता फैक्ट्रीयोंं में सप्लाई होता है। घंसौर मुख्यालय के नजदीक निजी स्वामित्व वाले अवंथा थापर ग्रुप झाबुआ पावर लिमिटेड का 600 MW पावर प्लांट स्थापित किया गया है जबकि 660 MW की नवीन इकाई प्रस्तावित है मुख्यालय में शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, यहां निजी और शासकीय स्कूलों के अलावा शासकीय स्नातक महाविद्यालय नेटवर्क के साथ मजबूत सरकारी शिक्षा संस्थान संचालित हैं। यह लखनादौन सिवनी जबलपुर मंडला शहरों से बस सेवाओं से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
इतिहास
संपादित करेंघंसौर विकासखंड क्षेत्र का इतिहास कलचुरी काल और गोंडवाना से जोड़कर देखा जाता है कलचुरी काल एवं गोंड कालीन मूर्तियां एवं पत्थर पुरातत्व विभाग को प्राप्त हुए हैं वहीं जनश्रुति के अनुसार घंसौर मुख्यालय में सबसे प्राचीन बसाहट पुरानी बस्ती है। पहाड़ी घराने से सिसोदिया राजपूत घंसौर क्षेत्र के जमींदार हुआ करते थे। पहले यहां जंगल हुआ करता था। स्वर्गीय श्री मोहनलाल दुबे जी के अनुसार यहां जंगल में 3 अहीर (गोपालक) अपने पशुओं को लेकर आए थे। इनमें 2 को शेर ने कालांतर में खा गया। शेष 1 अहीर ने यहां खेरो की बसाहट करके बरगद वृक्ष के नीचे खुदाई करके एक पत्थर की प्रतिमा प्राप्त करके स्थापित की। बाद में इसके दक्षिण भाग में आकर बसे लोगों ने इसी बसाहट को "बस्ती" नाम से पुकारना आरंभ कर दिया। इसका नामकरण किसने कैसे किया, यह रहस्य अभी अज्ञात है। स्व. श्री शिव प्रसाद शास्त्री के अनुसार श्री नर्मदा जी के परिक्रमा पथ में स्थित होने से किसी तीर्थयात्री साधु द्वारा सैकडों वर्ष पूर्व आसपास के घने जंगलों के आधार इसको "घनेश्वर" कह दिया होगा और अन्य नर्मदा तीर्थयात्री भी इसी नाम को कहने लगे होंगे। बाद में लोगों ने इसी नाम को अपना लिया होगा। इसमें तत्सम-तद्भव और अपभ्रंश के आधार पर "श्व" के स्थान पर "शौ" फिर "सौ" फिर "सो" उच्चरित होने लगता है। इससे धीरे धीरे लोग घनेश्वर-घनशौर-घनसौर-घन्सौर-घंसौर-घंसोर कहने लिखने लगे। सन् 1990 तक इसे घुनसौर नाम से पुकारा जाता रहा किंतु इसके बाद घंसौर नाम प्रचलन में आ गया,सम्प्रति विकीपीडिया के अनुसार इसका नामार्थ "छोटा स्वर्ग" उल्लिखित है।
भौगोलिक स्थिति
संपादित करें22.65 डिग्री एन 79.95 डिग्री ई पर स्थित है।[[1]] इसकी औसत ऊंचाई 582 मीटर (1,90 9 फीट) है। यह शहर भारत के दिल में स्थित है। घनसौर मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक तहसील / ब्लॉक/थाना है। जनगणना 2011 की जानकारी के अनुसार घनसौर ब्लॉक का उप-जिला कोड 03661 है। घनसौर का कुल क्षेत्रफल 1,0 9 6 किमी² है जिसमें 1,0 9 3.31 वर्ग किमी ग्रामीण क्षेत्र और 5.16 वर्ग किमी शहरी क्षेत्र शामिल है। घनसौर की आबादी 7,120 लोगों की है। उप-जिले में 33,0 9 2 घर हैं। घनसौर ब्लॉक में लगभग 230 गांव हैं।
यातायात
संपादित करेंयहां जबलपुर,नैनपुर,मंडला से ट्रेन द्वारा तथा लखनादौन,सिवनी,मंडला,जबलपुर,नैनपुर से बस द्वारा आया जाया सकता है। निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर है।
प्रशासन
संपादित करेंघंसौर में एक ग्राम पंचायत कार्यालय होने के अलावा,जनपद पंचायत कार्यालय, पुलिस थाना, तहसील कार्यालय,अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), एसडीओपी कार्यालय, न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग - 2 स्थित है।
चिकित्सा सुविधाएँ
संपादित करेंघंसौर मुख्यालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित है जबकि विकासखंड अंतर्गत कहानी, केदारपुर एवं दुर्जनपुर में अलग-अलग प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा ग्राम पंचायत स्तर पर उपस्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं।
शैक्षणिक केंद्र
संपादित करेंप्राथमिक विद्यालय
संपादित करें- शासकीय आदर्श हरिजन शिशु मंदिर राम मंदिर
- शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय, पुलिस थाना
- शासकीय कन्या शाला घंसौर गंज
माध्यमिक विद्यालय
संपादित करें- शासकीय नवीन कन्या माध्यमिक विद्यालय, पुलिस थाना
- शासकीय कन्या शाला, सब्जी बाजार
- सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल (प्राइवेट)
हाई स्कूल
संपादित करें- ज्ञानोदय विद्यापीठ रेलवे स्टेशन
- प्रज्ञा स्वावलंबन विद्यालय पुरानी बस्ती
- सरस्वती विद्या मंदिर शांति नगर
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
संपादित करें- शासकीय उत्कृष्ट बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शांति नगर
- शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुलिस थाना
- आदर्श एकलव्य आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तहसील के पीछे
- भावा एकेडमी हायर सेकंडरी(इंग्लिश मीडियम) मेन रोड
- अनामिका कॉन्वेंट हायर सेकंडरी(इंग्लिश मीडियम) शारदा मंदिर
महाविद्यालय
संपादित करें- शासकीय महाविद्यालय घंसौर
व्यापार
संपादित करेंघंसौर नगर आसपास के ग्रामीणों एवं छोटे-मोटे व्यापारियों के लिए एक प्रमुख व्यापार केंद्र है यह रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग दोनों से जुड़ा होने के कारण आसानी से अपनी पहुंच बना लेता है शुक्रवार को यहां सब्जी बाजार लगता है जिसमें छोटे-मोटे व्यापारी आकर अपनी स्थानीय उपज एवं खरीद को फुटकर मूल्य में बेचते हैं एवं ग्रामीण को उनकी आवश्यकता का सामान मिल जाता है। क्षेत्र के अधिकांश व्यापारी रेल मार्ग से जुड़े संभाग जबलपुर एवं पास के बड़े शहरों से खरीदारी करते हैं। यहां का मुख्य व्यापार जबलपुर शहर पर आधारित है।मुख्य रूप से यहां अनाज आभूषण कपड़ा किराना सब्जी एवं अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुओ पर आधारित है
मुख्य धार्मिक स्थल
संपादित करें- राम मंदिर - यह नगर का सर्व प्राचीन हिंदू मंदिर है जहां पर भगवान श्री राम जानकी लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की मूर्ति प्रतिष्ठापित है दाएं ओर राधा कृष्ण की मूर्ति एवं बाएं ओर हनुमान जी की मूर्ति विराजित है सामने चबूतरे पर नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित है जिनकी पूजा नगर के लोग बड़ी श्रद्धा से करते हैं यहां प्रति वर्ष रामनवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है एवं शोभायात्रा निकाली जाती है।
- खैरमाई मंदिर - मंडला लखनादौन तिराहे पर स्थित यह मंदिर घंसौर के प्राचीन मंदिरों में से एक हैं ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में किसी गांव की बसाहट खेरो मंदिर से प्रारंभ होती थी इस मंदिर में खेरो दाई की पूजा की जाती है नवरात्र पर्व के दौरान उत्सव का माहौल रहता है।
- कुल्लू माता मंदिर
- राधाकृष्ण मंदिर
- शनि मंदिर
- बड़ा जैन मंदिर
- छोटा जैन मंदिर
- राधाकृष्ण मंदिर
- साईं मंदिर
- दुर्गा मंदिर
- सिद्ध बाबा मंदिर
- पंचमुख गणेश मंदिर
- हनुमान मंदिर (डढई)
- काली मंदिर
- हनुमान मंदिर थाना
- हनुमान मंदिर तहसील
- श्रीनर्मदा तट यहां से लगभग 20 km दूर बगदरी गांव में बरगी बांध का नर्मदा नदी का जल जमा होता है जिसके तट पर लोग मकर संक्रांति एवं अन्य धार्मिक पर्वों में आकर स्नान दान पूजन आदि करते हैं।
प्रमुख उत्सव
संपादित करेंघंसौर में प्रत्येक वर्ष अनेक प्रकार के उत्सव मनाये जाते हैं जैसे गणेश उत्सव दुर्गोत्सव रामनवमी कृष्ण जन्माष्टमी झांकी शोभायात्राएं होली दीपावली जवारे विसर्जन राव़ण दहन मड़ई मेला सांस्कृतिक कार्यक्रम गीत संगीत भजन जस गरबा नृत्य प्रतियोगिता आदि। इन सभी कार्यक्रमों में लोग जोर जोर से इकट्ठे होकर खुशियां मनाते हैं एवं सामाजिक एकता की मिसाल प्रस्तुत करते हैं। वर्ष 2023 के सावन के पावन माह में नगर के युवाओं द्वारा निकट छिंदवाहा नर्मदा घाट से कांवड यात्रा का प्रारंभ किया गया है जिसको सारे नगर का उत्सव मना जाता है
जल स्रोत
संपादित करेंघंसौर मुख्यालय में जलापूर्ति का माध्यम जल संसाधन विभाग का मोहगांव जलाशय है जिसके जरिये नलजल योजना संचालित होती है घंसौर के आसपास जलसंसाधन विभाग द्वारा निचली, मानेगांव, हिरनभटा, अतरिया, अमोदा, उदयपुर, सरोरा जलाशय बनाये गये हैं जिनके माध्यम से पेयजल एवं सिंचाई योजनाएं संचालित हैं दिवारी, मेहता, कहानी तालाब भी प्रसिद्ध हैं।
विद्युत व्यवस्था
संपादित करेंशहर के उत्तर भाग में जबलपुर मार्ग पर एक विद्युत सब स्टेशन है। यहां से समस्त शहर में विद्युत का वितरण होता है। 33/11 केवी क्षमता का विद्युत उपकेंद्र संचालित है। रेल्वे सहित अन्य जरूरत व मांग के कारण साल 2022 में 132 केवी का नया विद्युत उपकेंद्र स्थापित किया गया है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293