मालदेव ने अपने छोटे बेटे चंद्रसेन को राजा बनाया । इससे नाराज होकर मालदेव के बड़े बेटे राम व मोटा राजा उदयसिंह सहायता के लिए अकबर के पास चले गये । सहायता के लिए अकबर जोधपुर पर आक्रमण कर देता है । चंद्रसेन अकबर की विशाल सेना को देख कर भाद्राजूण(जालोर)चला जाता है । चंद्रसेन अकबर के नागौर दरबार 1570 में गया था परंतु अकबर का झुकाब अपने बड़े भाई उदयसिंह की तरफ देखकर। वह अकबर से बिना मिले ही चला गया अकबर ने भाद्राजूण पर आक्रमण कर दिया । चन्द्रसेन सिवाणा चला गया। चंद्रसेन ने पूरे जीवन अकबर की अधीनता स्वीकार नही की । 1581 में सिंचियाई(सारन की पहाड़िया)(पाली) में चंद्रसेन की मृत्यु हो गयी | फिर जोधपुर के राजा मोटा राजा उदयसिंह बने |

चंद्रसेन की उपाधियाँ 1 मारवाड़ का प्रताप 2 प्रताप का अग्रगामी 3 मारवाड़ का भूला बिसरा राजा। तहक़ीक़ात मेवाड़ के महाराणाप्रताप के अच्छे मित्र थे