मोटा राजा उदयसिंह
उदय सिंह (13 जनवरी 1538 – 10 जुलाई 1595) जिन्हें मोटा राजा भी कहा जाता है, मारवाड़ के राठौड़ राजा थेे।
उदय सिंहजी | |||||
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राजा | |||||
मारवाड़ के राजा | |||||
शासनावधि | ल. 1583 | ||||
राज्याभिषेक | 4 अगस्त 1583 | ||||
पूर्ववर्ती | राव चन्द्रसेन सिंहजी | ||||
उत्तरवर्ती | राजा सुर सिंहजी | ||||
जन्म | 13 जनवरी 1538 जोधपुर, भारत | ||||
निधन | 10 जुलाई 1595 लाहौर, मुगल साम्राज्य | (उम्र 57 वर्ष)||||
जीवनसंगी | 27 पत्नियाँ | ||||
संतान | राजा सूर सिंहजी राजा किशन सिंहजी कुंवर भूपत सिंहजी, कुंवर जैत सिंहजी, कुंवर अखेय सिंहजी, कुंवर दलपत सिंहजी, कुंवर माधो सिंहजी, कुंवर मोहन सिंहजी, कुंवर कर्ण सिंहजी, कुंवर पृथ्वी सिंहजी, कुंवरी रामभवती बाई, कुंवरी मानभवती बाई, कुंवर सत्यभामा बाई, | ||||
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राजवंश | राठौड़ | ||||
पिता | राव मालदेवजी | ||||
माता | रानी झालीजी स्वरूप कँवरजी (खैरवा मारवाड़) | ||||
धर्म | हिन्दू धर्म |
कल्याणदास राठौड़
संपादित करेंसिवाना के कल्याणदास राठौड़ ने उदय सिंह और जहाँगीर को मारने की धमकी दी क्योंकि उदयसिंह ने अपनी बेटी जगत गोसाई का विवाह जहाँगीर के साथ निर्धारित किया था। यह ज्ञान होने के पश्चात् अकबर ने सिवाना पर हमला कर दिया और इसमें कल्याणदास अपने लोगों के साथ वीरगति को प्राप्त हुये और सिवाना की महिलाओं ने जौहर कर लिया।[1]
संस्कृति
संपादित करेंउदय सिंह के शासनकाल के दौरान, मारवाड़ में राहत कला और वास्तुकला का विकास हुआ। जो देश राजा के सामने उजाड़ हो गया था वह तेजी से बढ़ने लगा था।[2]
जोधपुर में किला का एक हिस्सा भी राजा द्वारा बनवाया गया था। उन्होंने मुगल पैटर्न पर मारवाड़ में प्रशासनिक सुधार भी शुरू किए। उन्होंने पेशकश की मुगल प्रथा भी शुरू की। राजा के शासनकाल के दौरान दाह-चौकी प्रणाली भी मारवाड़ में प्रचलन में आई।
उन्होंने अपने पिता राव मालदेव का देवल भी बनवाया। [3] यह मंडोर में बनी शाही कब्रगाहों में से पहली थी।
निधन
संपादित करेंउदय सिंह का लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान में) १० जुलाई १५९५ को निधन हुआ।[4] उनके निधन के बाद उनके पुत्र सूर सिंह मारवाड़ के राजा बने।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ मुज़फ्फर आलम; संजय सुब्रहमण्यम (1998). The Mughal State, 1526–1750. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. पृ॰ 177. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-563905-6.
- ↑ Bhargava, Visheshwar Sarup (1966). Marwar And The Mughal Emperors (1526–1748). पृ॰ 60.
- ↑ Western Rajputana States. पृ॰ 102.
- ↑ Beveridge, H. (tr.) (1939, reprint 2000). The Akbarnama of Abu'l Fazl, Calcutta: The Asiatic Society, ISBN 81-7236-094-0, pp.1027-28