राठौड़

भारत का एक राजपूत वंश

राठौड़ अथवा राठौड एक राजपूत गोत्र है जो उत्तर भारत में निवास करते हैं। इन्हें सूर्यवंशी राजपूत माना जाता है।[1] वे पारम्परिक रूप से राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र मारवाड़ में शासन करते थे।[2][3]


मारवाड़ का राजघराना
देश जोधपुर राज्य
पितृ वंश गहड़वाला वंश या राष्ट्रकूट वंश
उपाधियाँ मारवाड़ के राजा
जोधपुर के राजा
स्थापना 1226
संस्थापक राव सीहा
अंतिम शासक हनवंत सिंह
वर्तमान प्रमुख गज सिंह

राजस्थान के सम्पूर्ण राठौड़ो के मूल पुरुष राव सीहा जी माने जाते है जिन्होंने पाली से राज प्रारम्भ किया उनकी छतरी पाली जिले के बिटु गाव में बनी हुई है राठौड़ राजपूतो द्वारा युधो में अद्वतिय शौर्य पराक्रम बताने के कारण उन्हें रणबंका राठौड़ भी कहा जाता है 1947 से पूर्व भारत में अकेले राठौड़ो की दस से ज्यादा रियासते थे और सैकड़ो ताजमी ठिकाने थे जिनमे मुख्य जोधपुर, मारवाड़, किशनगढ़, बीकानेर, ईडर, कुशलगढ़, सैलाना, सुंदरसी, झाबुआ, सीतामउ, रतलाम, मांडा, अलीराजपुर वही पूर्व रियासतो में मेड़ता ,मारोठ और गोड़वाड़ घाणेराव मुख्या थे

राठौड़ो के उप गोत्र

मेड़तिया, जोधा, चम्पावत, कुम्पावत, उदावत, जैतावत, सिंधल, बीका, महेचा आदि

रियासतें

 
जोधपुर के राठौड़ राजवंश द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रतीक चिन्ह

राठौड़ वंश की विभिन्न शाखाएँ धीरे-धीरे पूरे मारवाड़ में फैल गईं और बाद में मध्य भारत और गुजरात में राज्यों की स्थापना की। मारवाड़ राजपरिवार को राठौड़ों का प्रधान घराना माना जाता है। १९४७ में भारत की स्वतंत्रता के समय, राठौड़ वंश की विभिन्न शाखाओं द्वारा शासित रियासतों में शामिल थे:[4][5]

  • जोधपुर (मारवाड़) वर्तमान राजस्थान में, जिसकी स्थापना 1226 में राव सीहा ने की थी।
  • वर्तमान राजस्थान में बीकानेर, जिसकी स्थापना 1465 में राव बीकाजी (राव जोधा के पुत्र) ने की थी।
  • किशनगढ़ वर्तमान राजस्थान में है, जिसकी स्थापना 1611 में महाराजा किशन सिंह ने की थी।
  • इदर वर्तमान गुजरात में है, जिसकी स्थापना 1257 में राव सोनाग ने की थी, जिसे 1729 में राव आनंद सिंह ने पुनः जीत लिया।
  • वर्तमान मध्य प्रदेश में रतलाम, जिसकी स्थापना 1651 में महाराजा रतन सिंह ने की थी।
  • झाबुआ वर्तमान मध्य प्रदेश में है, जिसकी स्थापना 1584 में राजा केशव दास ने की थी।
  • सीतामऊ वर्तमान मध्य प्रदेश में है, जिसकी स्थापना 1701 में राजा केशो दास ने की थी।
  • सैलाना वर्तमान मध्य प्रदेश में है, जिसकी स्थापना 1730 में राजा जय सिंह ने की थी।
  • अलीराजपुर वर्तमान मध्य प्रदेश में है, जिसकी स्थापना 1437 में राजा आनंद देव ने की थी।
  • सुंदरसी वर्तमान में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में स्थित है, जिसकी स्थापना 1412 में राजा हापाजी ने की थी


सन्दर्भ

  1. सुशान्त पाल (२०१४). Imbibed In Faith [विश्वास में आत्मसात] (अंग्रेज़ी में). पार्ट्रिज पब्लिशिंग. पृ॰ ६५. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781482812589. मूल से 13 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अक्तूबर 2014.
  2. एवा उलियन (२०१०). Rajput [राजपूत]. वेस्बो प्रेस. पृ॰ २०१. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781449700614. मूल से 13 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अक्तूबर 2014.
  3. École pratique des hautes études (France). Section des sciences économiques et sociales, University of Oxford. Institute of Social Anthropology, Research Centre on Social and Economic Development in Asia (१९७५). Contributions to Indian Sociology [भारतीय समाजशास्त्र में योगदान] (अंग्रेज़ी में). माउटन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0069-9659 |isbn= के मान की जाँच करें: length (मदद). मूल से 13 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अक्तूबर 2014.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  4. Indian Princely Medals: A Record of the Orders, Decorations, and Medals by Tony McClenaghan, pg 179
  5. Dhananajaya Singh (1994). The House of Marwar. Lotus Collection, Roli Books. पृ॰ 13. He was the head of the Rathore clan of Rajputs, a clan which besides Jodhpur had ruled over Bikaner, Kishengarh, Idar, Jhabhua, Sitamau, Sailana, Alirajpur and Ratlam, all States important enough to merit gun salutes in the British system of protocol. These nine Rathore States collectively brought to India territory not less than 60,000 square miles in area.