मेहरानगढ़ किला जिसको मेहरान किले के रूप में भी जाना जाता है। इस किले को 1459 में राव जोधा द्वारा जोधपुर में बनवाया गया था। यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और 410 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मेहरानगढ़ किला विशाल दीवारों द्वारा संरक्षित है।  इस किले का प्रवेश द्वार एक पहाड़ी के ऊपर है जो बेहद शाही है। किले में सात द्वार हैं जिनमें विक्ट्री गेट, फतेह गेट, भैरों गेट, डेढ़ कामग्रा गेट, फतेह गेट, मार्टी गेट और लोहा गेट के नाम शामिल है।

मेहरानगढ़
जोधपुर, राजस्थान भारत
मेहरानगढ़ किले का रात्रि दृश्य
मेहरानगढ़ is located in राजस्थान
मेहरानगढ़
मेहरानगढ़
मेहरानगढ़ is located in भारत
मेहरानगढ़
मेहरानगढ़
निर्देशांक26°17′53″N 73°01′08″E / 26.29806°N 73.01889°E / 26.29806; 73.01889निर्देशांक: 26°17′53″N 73°01′08″E / 26.29806°N 73.01889°E / 26.29806; 73.01889
प्रकारकिला
स्थल जानकारी
नियंत्रकगज सिंह
जनप्रवेशहाँ
स्थल इतिहास
निर्मित1459
निर्माताजोधपुर रियासत के राठौड़ राजवंश

मेहरानगढ़ किले का इतिहास

मेहरानगढ़ किले का इतिहास काफी दिलचस्प है जो हमें उस समय में वापस ले जाता है जब 15 वीं शताब्दी के दौरान राठौर शासक राव जोधा ने 1459 में जोधपुर की स्थापना की थी। राजा राम मल के पुत्र राव जोधा ने शहर को मंडोर से शासित किया लेकिन फिर उसने अपनी राजधानी को जोधपुर स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने भाऊचेरिया पहाड़ी पर किले की नीव रखी जिसकी दूरी मंडोर से सिर्फ 9 किमी थी। ‘मेहरान’ का अर्थ सूर्य है इसलिए राठोरों ने अपने मुख्य देवता सूर्य के नाम से इस किले को मेहरानगढ़ किले के रूप में नामित किया। इस किले के मुख्य निर्माण के बाद जोधपुर के अन्य शासकों मालदेव महाराजा, अजीत सिंह महाराजा, तखत सिंह और महाराजा हनवंत सिंह द्वारा इस किले में अन्य निर्माण किए, मेहरानगढ़ दुर्ग के निर्माण के समय एक व्यक्ति की स्वैच्छिक बलि चाहिए थी जिसके लिए राजाराम मेघवाल ने स्वैच्छिक बलि दी थी ।

 
मेहरानगढ़ किले का आंतरिक भाग

मेहरानगढ़ किले की वास्तुकला

500 साल की अवधि में मेहरानगढ़ किले और महलों को बनाया गया था। किले की वास्तुकला में आप 20 वीं शताब्दी की वास्तुकला की विशेषताओं के साथ 5 वीं शताब्दी की बुनियादी वास्तुकला शैली को भी देख सकते हैं। किले में 68 फीट चौड़ी और 117 फीट लंबी दीवारें है। मेहरानगढ़ किले में सात द्वार हैं जिनमें से जयपोली सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। किले की वास्तुकला 500 वर्षों की अवधि के विकास से गुजरी है। महाराजा अजीत सिंह के शासन के समय इस किले की कई इमारतों का निर्माण मुगल डिजाइन में किया गया है। इस किले में पर्यटकों को आकर्षित कर देने वाले सात द्वारों के अलावा मोती महल (पर्ल पैलेस), फूल महल (फूल महल), दौलत खाना, शीश महल (दर्पण पैलेस) और सुरेश खान जैसे कई शानदार शैली में बने कमरें हैं। मोती महल का निर्माण राजा सूर सिंह द्वारा बनवाया गया था। शीश महल, या हॉल ऑफ मिरर्स बेहद आकर्षक है जो अपनी दर्पण के टुकड़ों पर जटिल डिजाइन की वजह से पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। फूल महल का निर्माण महाराजा अभय सिंह ने करवाया था।

मेहरानगढ़ फोर्ट की विशेषता

मेहरानगढ़ किला राजस्थान के सबसे बड़े, संरक्षित और सबसे प्रभावशाली स्मारकों में से एक है।

यह किला एक लंबवत चट्टान पर बना हुआ है और यह लगभग चार सौ फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

किले के निर्माण के लिए राव जोधा को एक ऋषि चीरिया नाथजी को जबरदस्ती इस जगह से हटाया था जिसके बाद उस ऋषि ने राजा को शाप दिया था कि इस किले को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। लेकिन बाद में राव जोधा ने उनके लिए एक मंदिर और एक घर बनवाकर उन्हें प्रसन्न किया।

जब आप इस किले को देखने के लिए जायेंगे तो इसके मुख्य द्वार के सामने आपको कुछ लोग लोक नृत्य करते नजर आयेंगे।

कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों को किले में शूट किया गया है जिसमें फिल्म द डार्क नाइट राइजेस, द लायन किंग,और ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के नाम शामिल हैं।

मेहरानगढ़ किले का दौरा करने का सबसे अच्छा समय

यहां जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के मौसम का है। अक्टूबर से मार्च के के महीनों के बीच यहां का मौसम काफी ठंडा और सुखद रहता है। इस मौसम में आप पूरे किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं। किला घूमने के लिए आप सर्दियों के मौसम में सुबह के समय जाएँ।

मेहरानगढ़ किला जोधपुर समय

दिन समय
सोमवार सुबह Archived 2024-03-04 at the वेबैक मशीन 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
मंगलवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
बुधवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
गुरुवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
शुक्रवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
शनिवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
रविवार सुबह 9:00 बजे - शाम 5:00 बजे तक
मेहरानगढ़ किला जोधपुर प्रवेश टिकट
टिकट राशि (रु.)
अंतर्राष्ट्रीय अतिथि (ऑडियो शामिल है) 600
अंतर्राष्ट्रीय अतिथि (छात्र) 400
घरेलू मेहमान 100
घरेलू मेहमान (वरिष्ठ नागरिक, छात्र, अर्धसैनिक कर्मी) 50
फोटोग्राफी परमिट: फिर भी 100
फोटोग्राफी परमिट: वीडियो 200
लिफ्ट (एकतरफ़ा) 50
टूर एस्कॉर्ट शुल्क 120
ऑडियो गाइड 180
ऑडियो गाइड (रियायत) 120

जोधपुर में स्थानीय भोजन और रेस्तरां

जोधपुर एक ऐसा शहर है जहां के व्यंजन मिर्च मसाले से भरपूर होते हैं। यहां पर पर्याप्त मात्रा में स्ट्रीट फूड और मिठाइयां उपलब्ध हैं। यहां आप मिर्ची बड़ा, मावा कचोरी और प्याज़ कचोरी जैसे कुछ स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का स्वाद भी ले सकते हैं इसके अलावा यहां के मखानिया लस्सी भी काफी लोकप्रिय है। अगर आप इस शहर में कुछ मीठा खाना चाहते हैं तो यहां मिलने वाले भोग बेसन की चक्की, मावे की कचौरी, मोतीचूर के लड्डू और मखान वडे का मजा भी ले सकते हैं।

मेहरानगढ़ किले के आसपास पर्यटन स्थल

1. राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क

राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क किले के पास स्थित है जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। यह पार्क 72 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है जहां रेगिस्तान और शुष्क वनस्पति पाई जाती है। इस पार्क में पर्यटक गाइड के साथ 880 से 1100 मीटर लंबे रोमांचक रास्ते जा सकते हैं जहां पर कुछ अनोखे पौधों को देखा जा सकता है।

2.चोकेलो गार्डन

चोकेलो गार्डन मेहरानगढ़ किले के ठीक नीचे स्थित है जिसे आपको अपनी किले की यात्रा में जरुर शामिल करना चाहिए। यह गार्डन 18 वीं शताब्दी का है जिसके बाद इसका जीर्णोद्धार किया गया है। इस गार्डन में एक रेस्टोरेंट भी है जहां से आप मनोरम दृश्य का आनंद लिया जा सकता है।

3. नागणेचजी मंदिर

नागणेचजी मंदिर किले के बिलकुल दाईं ओर स्थित है जिसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था, जब राव धुहड़ ने मूर्ति को मारवाड़ में लाया था जिसको बाद में किले में स्थापित कर दिया गया था।

4. चामुंडा माताजी मंदिर

जब राव जोधा अपनी अपनी राजधानी को मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित किया था तब वह अपने साथ दुर्गा माता की मूर्ति को भी ले गए थे। इस मूर्ति को मेहरानगढ़ किले में स्थापित किया गया था जिसे आज चामुंडा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।

 
मेहरानगढ़ दुर्ग
 
चामुंडा माता मंदिर

[1]

सन्दर्भ

  1. "मेहरानगढ़ किले का इतिहास और घूमने की जानकारी - Information About The History Of Mehrangarh Fort In Hindi". Holidayrider.Com (अंग्रेज़ी में). 2019-03-31. अभिगमन तिथि 2022-09-12.