चम्पा षष्ठी
चंपा षष्ठी मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार भगवान शिव के अवतार खंडोबा या खंडेराव को समर्पित है। खंडोबा को किसानों, चरवाहों और शिकारियों आदि का मुख्य देवता माना जाता है। यह त्योहार कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का प्रमुख त्यौहार है। मान्यता है कि चंपा षष्ठी व्रत करने से जीवन में खुशियां बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से पिछले जन्म के सारे पाप धुल जाते हैं और आगे का जीवन सुखमय हो जाता है।[1]
चम्पा षष्ठी | |
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चम्पा षष्ठी के दिन जेजुरी का खंडोबा मंदिर में हल्दी की होली | |
अनुयायी | हिन्दू, मराठी एवं कन्नड़ भारतीय |
प्रकार | Hindu |
उद्देश्य | पापमोचन एवं सुख समृद्धि |
तिथि | मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ षष्ठी: व्रत करने धुल जाते हैं पूर्व जन्म के पाप ऐसे, ये है महत्व[मृत कड़ियाँ]। टीम डिजिटल/हरिभूमि.कॉम, दिल्ली |नवंबर २४, २०१७। अभिगमन तिथि: १७ दिसम्बर, २०१७।
बाहरी कड़ियाँ
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