चेटीचंड
सिंधी हिंदुओं के नए साल का दिन
चेटीचण्ड व चेेटीचण्ड्र (सिन्धी : 𑋀𑋥𑋥𑋆𑋢𑋀𑋌𑋪𑋈𑋪𑋙) सिन्धी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है जो हिन्दू चन्द्र नववर्ष के प्रथम दिन मनाया जाता है। यह दिन वरूणावतर स्वामी झूलेेेलाल के प्रकाट्य दिवस और समुद्र पूजा के रूप में मनाया जाता है। विश्व के अन्य भागों में बसे हुए सिन्धी हिन्दू भी चेटीचंड मनाते हैं। सिन्धी हिन्दुओं के अतिरिक्त इसे बहावलपुरी हिन्दू भी इस पर्व को मनाते है। यह हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार चैत्र मास के पहले दिन (अर्थात वर्ष प्रतिपदा के दिन) मनाया जाता है।[1][2]
शब्द व्युत्पत्ति
संपादित करेंसिन्धी शब्द चेेटीचण्ड्र दो उप-शब्दों से बना है- चेटी और चण्ड्र ।चेटी का अर्थ है चैत्र मास से सम्बन्धित और चण्ड्र का अर्थ है चन्द्र। चेटीचण्ड्र चैत्र मास के चन्द्र दर्शन को कहते है।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव : चेटीचंड (वेबदुनिया)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ S. Ramey (2008). Hindu, Sufi, or Sikh: Contested Practices and Identifications of Sindhi Hindus in India and Beyond. Palgrave Macmillan. पपृ॰ 8, 36. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-230-61622-6. मूल से 1 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2018.
- ↑ GANGRADE, DR PRAKASH CHANDRA (2015-06-01). Hinduo Ke Vrat-Parv Evam Teej Tyohar. V&S Publishers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5057-358-7.