चेनानी-नाशरी सुरंग
चेनानी-नाशरी सुरंग जिसे पत्नीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग १ए ) पर स्थित एक सड़क सुरंग है। इसका कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ हुआ तथा उद्धघाटन 2 अप्रैल 2017 को किया गया।
अवलोकन | |
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स्थान | जम्मू और कश्मीर, भारत |
स्थिति | पूर्ण, उद्धघाटन (2 अप्रैल 2017) |
मार्ग | राष्ट्रीय राजमार्ग 44 |
आरम्भ | चेनानी |
अन्त | नाशरी |
संचालन | |
कार्यारम्भ | 23 मई 2011 |
स्वामी | भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण |
यातायात | मोटर वाहन |
विशेषता | यात्री और बोझा |
तकनीकी | |
डिज़ाइन अभियंता | इंफ्रास्ट्रक्चर लीज़िग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ |
लम्बाई | 9.2 किलोमीटर (5.7 मील) |
लेन संख्या | 2 |
संचलन गति | 50 किमी/घण्टा[1] |
यह भारत की दूसरी सबसे लंबी सड़क सुरंग है जिसकी ( पहली अटल सुरंग हिमाचल प्रदेश है) लंबाई 9.28 कि॰मी॰ (30,446.2 फीट) है।[1] सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत ₹ 2,520 करोड़ (यूएस$ 367.92 मिलियन) थी लेकिन परिवर्धित करने में कुल ₹ 3,720 करोड़ (यूएस$ 543.12 मिलियन) खर्च हुये।[2] मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है। मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं जो हर 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं।[3] यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है।
सुरंग की सहायता से जम्मू और श्रीनगर के मध्य दूरी 30.11 कि॰मी॰ (98,786.1 फीट) रह गयी और यात्रा समय में दो घण्टे की कटौती हो गयी। पत्नीटॉप पर सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर बाधा उत्पन्न होती थी तथा प्रत्येक शीतकाल में कई बार वाहनों की लम्बी कतार के कारण भी बाधा उत्पन्न होती थी - कई बार कई दिनों तक कतार में रहना पड़ता था। सुरंग पत्नीटॉप, कुद और बटोत को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या को कम किया है। इस सुरंग का नया नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा गया है ।
स्थिति
संपादित करेंसुरंग निचले हिमालय परास में स्थिति है जिसकी ऊँचाई १,२०० मीटर है। सुरंग का दक्षिणी प्रवेशद्वार (अंत) 33°02′47″N 75°16′45″E / 33.0463°N 75.2793°E पर स्थित है और उत्तरी प्रवेशद्वार (अंत) का निर्देशांक 33°07′43″N 75°17′34″E / 33.1285°N 75.2928°E है। सुरंग की खुदाई चेनानी कस्बे से लगभग 2 कि॰मी॰ (6,561 फीट 8 इंच) दूरी से आरम्भ हुई जो पत्नीटॉप से दक्षिण में स्थित है। अब इस सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी रख दिया गया है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "PM Narendra Modi to inaugurate India's longest tunnel: 10 facts about the 'engineering marvel'" (अंग्रेज़ी में). 27 मार्च 2017. मूल से 30 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अप्रैल 2017.
- ↑ "आपके सामने दो रास्ते, टूरिज्म-टेररिज्म: J&K टनल इनॉगरेशन के बाद मोदी". दैनिक भास्कर. ३ अप्रैल २०१७. मूल से 4 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2017.
- ↑ "एशिया की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन, पीएम बोले- पत्थर की ताकत समझें नौजवान". दैनिक जागरण. २ अप्रैल २०१७. मूल से 4 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३ अप्रैल २०१७.