छुटनी महतो
छुटनी महतो, जिन्हें छुटनी देवी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के झारखंड राज्य की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। एक बार डायन-प्रथा का शिकार होने के बाद, वह अब डायन-प्रथा का शिकार होने वाली महिलाओं की मदद करने के लिए काम करती है तथा अंधविश्वास और जादू टोना के बारे में जागरूकता फैलाती है।[1] 2021 में, उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[2]
जीवनी
संपादित करेंछुटनी महतो का जन्म 1959 में झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के भोलाडीह गाँव में हुआ था। उनका विवाह बचपन में ही कर दिया गया था। उसके बाद परिवार के एक सदस्य के बीमार पड़ने के बाद 1995 में उन्हें डायन करार दिया गया। ग्रामीणों ने उसकी संपत्ति हड़प ली, उसके साथ यौन शोषण सहित बुरा व्यवहार किया तथा उसे मूत्र पीने के लिए मजबूर किया और अर्ध-नग्न घुमाया गया।[3] वह अपने माता-पिता के घर वापस जाने का रास्ता ढूंढते हुए भाग गई। पुलिस के पास जाने पर, उन्होंने मामला दर्ज करने के लिए मोटी रकम की मांग की। एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने उन्हें उन सामाजिक कार्यकर्ताओं से जोड़ा जो डायन शिकार की रोकथाम के क्षेत्र में काम कर रहे थे। इसके बाद, दो दशकों से अधिक समय तक, उन्होंने झारखंड में अंधविश्वासों और मान्यताओं के खिलाफ आवाज उठाई है।[4] छुटनी देवी ने अपनी बेटियों को भी इस प्रथा के खिलाफ लड़ने का हुनर सिखाया है। 1996 में उनके जीवन और सामाजिक कार्यों पर एक वृत्तचित्र भी बनाईं गई। 2014 में, एक बॉलीवुड फिल्म "काला सच- द डार्क ट्रुथ" कथित तौर पर उनसे प्रेरित थी; हालाँकि यह एक सामान्य स्टीरियोटाइप्ड बॉलीवुड हॉरर फिल्म निकली।[5] अब छुटनी देवी पर एक वेब सीरीज भी बन रही है।[6]
2019 में, उनके राज्य में डायन-संबंधी आरोपों के बाद 27 महिलाओं की मौत हो गई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2016 और 2019 के बीच संबंधित घटनाओं में भारत में 372 लोग मारे गए। छुटनी देवी ने इस अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई।[7] 2021 में, उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उनके सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[8]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Branded 'Witch' Years Ago, Chutni Mahato from Jharkhand is Now a Padma Awardee". News18 (अंग्रेज़ी में). 2021-01-29. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ "This Jharkhand woman leads war against social evil 'witchcraft', rescues over 120 women". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ एजेंसी, IANS. "छुटनी देवी की कहानी: कभी डायन बताकर हुए बेहिसाब जुल्म, आज 'वीरांगना' के रूप में है पहचान". ABP News. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ "Jharkhand News: कभी डायन कही जाती थी छुटनी महतो, मिला राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान, जानिए क्या कहा छुटनी ने". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ "Jharkhand woman gets Padma Shri for saving women branded as witches". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 2021-01-26. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ "पद्मश्री छुटनी महतो की दर्दभरी संघर्षों की कहानी, अब फिल्मों में देखेंगे देशभर के लोग, जल्द बनेगी वेब फीचर". Asianet News Network Pvt Ltd. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ "Exorcising social evil: Jharkhand's Chutni Mahato awarded Padma Shri for rescuing women from witch hunting". Gaonconnection | Your Connection with Rural India (अंग्रेज़ी में). 2021-02-03. मूल से 3 फ़रवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
- ↑ news, abp (2021-11-10). "छुटनी महतो को मिला पद्मश्री सम्मान, डायन प्रथा के नाम पर कभी जीनी पड़ी थी नारकीय जिंदगी". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2023-04-20.