डायन

भारतीय लोक कथाओं मे चुड़ैल

डायन भारतीय परिप्रेक्ष्य में विशेषकर आदिवासी लोककथा में ऐसी स्त्री को कहते हैं जो जादू-टोना कर के दूसरों में बीमारी, मौत, अकाल लाना या कई और अनैतिक कार्य करती है। यह एक प्रकार का अंधविश्वास है।[1] इस प्रकार से ये चुड़ैल से समानता रखता है। भारत में जहाँ आदिवासी अधिक पाए जाते हैं वहाँ महिलाओं को ओझा द्वारा डायन घोषित कर के हत्या तक कर दी जाती है। राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले सामने आए हैं और इसके विरुद्ध कानून बनाए गए हैं।[2] ऐसे आरोप अधिकतर बूढ़ी विधवा ओरतों पर लगाए जाते हैं जिनका मकसद अक्सर जमीन, धन या अन्य तरह की संपत्ति पर कब्जा करना होता है।[3]

डायन का चित्रण संपादित करें

लोक संस्कृति में डायन का चित्रण 2013 की हिन्दी फ़िल्म एक थी डायन में हुआ है। लोकप्रिय धारावाहिक ससुराल सिमर का में भी कुछ दिन इस विषय पर कहानी चली थी। वर्तमान में 'स्टार प्लस' पर प्रसारित हो रहे लोकप्रिय धारावाहिक "डायन" में मनोरंजन के उद्देश्नय से डायन का नकारात्मक चित्रण किया गया है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सिंह, डाँ. जे. पी. आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन. पृ॰ 288. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.
  2. "महिलाओं को डायन बताने वालों पर पुलिस कसेगी शिकंजा". नईदुनिया. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.
  3. नैमिशराय, मोहनदास. दलित उत्पीड़न की परम्परा और वर्तमान. पृ॰ 114. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.