जगमोहन डालमिया
जगमोहन डालमिया (30 मई 1940 – 20 सितम्बर 2015) बीसीसीआई के अध्यक्ष और व्यापारी थे। इनका जन्म ब्रिटिश राज के दौरान कलकत्ता में हुआ था। इनकी मृत्यु 20 सितम्बर 2015 को कोलकाता के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हृदय की गति रुकने से हुई।
जगमोहन डालमिया | |
अध्यक्ष, बीसीसीआई
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कार्यकाल 2 मार्च 2015[1] – 20 सितम्बर 2015 (मृत्यु तक) | |
पूर्व अधिकारी | शिवलाल यादव |
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कार्यकाल 2013 – 2013 | |
पूर्व अधिकारी | एन॰ श्रीनिवासन |
उत्तराधिकारी | शिवलाल यादव |
कार्यकाल 2001 – 2004 | |
पूर्व अधिकारी | ए॰ सी॰ मुथैया |
उत्तराधिकारी | रणबीर सिंह महेन्द्रा |
जन्म | 30 मई 1940 कलकत्ता, ब्रिटिश इंडिया |
मृत्यु | 20 सितम्बर 2015 कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत | (उम्र 75 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
संतान | 2 |
व्यवसाय | एम एल डालमिया कंपनी के सह-मालिक |
जीवन
संपादित करेंडालमिया का जन्म कोलकाता के मारवाड़ी बनिया परिवार में हुआ था। यह कलकत्ता के स्कोटिश चर्च महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। इसी दौरान वे विकेटकीपर के रूप में क्रिकेट से जुड़े। इसी दौरान क्रिकेट में दोहरा शतक भी बनाया था। इसके बाद यह अपने पिता के एम एल डालमिया कंपनी से जुड़ गए।
यह 1979 में बीसीसीआई से जुड़े और 1983 में इसके कोषाध्यक्ष बन गए। इसी वर्ष भारत विश्व कप जीता था। इसके बाद यह इन्दरजीत सिंह बिंद्रा के साथ मिलकर दक्षिण एशिया में होने वाले विश्व कप अधिकार प्राप्त कर लिया। इसके बाद यह बीसीसीआई के अध्यक्ष पद हेतु चुनाव लड़े।
डालमिया ने 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका की पुनः प्रवेश का प्रस्ताव रखा और भारत के दक्षिण अफ्रीका के तीन मैचों की एक दिवसीय दौरे का उसी वर्ष सुनिश्चित किया। आईसीसी के अध्यक्ष क्लाइड वालकोट्ट दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट में पुनः प्रवेश पर चर्चा के पक्ष में नहीं थे। वर्ष 1970 में निलंबन होने के बाद पहली बार दक्षिण अफ्रीका की टीम ने वर्ष 1991 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच कोलकाता के ईडन गार्डन मैदान 1,00,000 दर्शकों के सामने खेला। इसी मैच के कारण उसका इस खेल से निलंबन हट गया।
भारतीय उपमहाद्वीप ने 1996 में होने वाले विश्व कप की मेजबानी का अधिकार हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने आतंकवाद के कारण श्रीलंका में खेलने से मना कर दिया। डालमिया तब बीसीसीआई के सचिव थे। इसके बाद डालमिया ने भारत और पाकिस्तान का मैच श्रीलंका में रखा। यह मैच प्रमुख व्यावसायिक सफलता का कारण बन गया।
निधन
संपादित करेंडालमिया 17 सितम्बर की रात को छाती में दर्द के कारण बिरला अस्पताल में भर्ती हो गए। अस्पताल का कहना है कि आंतरिक जठरांत्र रक्तस्राव और आंतरिक अंग में विफलता के कारण उनकी मौत हो गई।
सन्दर्भ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
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