जगमोहन सिंह राजपूत भारत के एक प्रमुख शिक्षा शास्त्री हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक[1] रह चुके राजपूत कई अन्य संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त वे यूनेस्को सहित कई अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से भी जुड़े रहे हैं। यूनेस्को ने उन्हें जॉन एमोस कामेनियस मैडल से सम्मानित किया। मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें वर्ष 2011-12 के लिये महर्षि वेदव्यास सम्मान दिया।[2]

जगमोहन सिंह राजपूत

भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जगमोहन सिंह राजपूत को पद्मश्री से सम्मानित करते हुए। (८ अप्रैल, २०१५)
जन्म भारत
पेशा शिक्षाशास्त्री, लेखक
पुरस्कार पद्मश्री
युनेस्को का Jan Amos Comenius मेडल
महर्षि वेद व्यास पुरस्कार
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

वर्ष 2004 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि अनेक देशों में व्याख्यान देने सहित विशिष्ट स्थापना कार्य किये। राजपूत की हिन्दी व अंग्रेजी में निम्न पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं:[3]

  • पाठ्यक्रम परिवर्तन के आयाम,
  • शैक्षिक परिवर्तन का यथार्थ,
  • शिक्षा एवं इतिहास,
  • शैक्षिक परिवर्तनों की परख,
  • क्यों तनावग्रस्त है शिक्षा व्यवस्था?
  • मुस्कान का मदरसा
  • इनसाइक्लोपीडिया ऑफ इण्डियन एजूकेशन,
  • सिम्फनी ऑफ ह्यूमन वेल्यूज़,
  • टीचर प्रीपरेशन फॉर नॉलेज सोसायटी,

सन्दर्भ संपादित करें

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