जमात-ए-इस्लामी (उर्दू: جَماعَتَ-ے-اِسْلامِی  ; देवनागरीकरण : जमाअ़त-ए-इस्लामी ) इस्लामी पन्थशास्त्री एवं सामाजिक-राजनीतिक दार्शनिक सैयद अबुल अला मौदुदी[2] द्वारा 1941 में भारत में स्थापित एक इस्लामी आन्दोलन है। 1928 में स्थापित मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ, जमात-ए-इस्लामी मूल और सबसे प्रभावशाली इस्लामी सङ्गठनों में से एक था[1], और "इस्लाम की आधुनिक क्रान्तिकारी अवधारणा पर आधारित एक विचारधारा" विकसित करने वाला अपनी तरह का पहला सङ्गठन था।[3]

जमात-ए-इस्लामी
جَماعَتَ-ے-اِسْلامِی
जमाअ़त-ए-इस्लामी

अरबी लिखावट में जमात-ए-इस्लामी
उत्तराधिकारी
Founded 1941; 81 वर्ष पहले (1941)
संस्थापक मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी
स्थापना हुई औरङ्गाबाद, Hyderabad, भारत
प्रकार इस्लामी सङ्गठन
उद्देश्य Pan-Islamism
इस्लामी रूढ़िवाद
Islamic revivalism
इस्लामी समाजवाद
नव-सूफीवाद
शिया-सुन्नी सम्बन्ध
साम्यवाद विरोधी
संबद्धता मुस्लिम ब्रदरहुड[1]

1947 में भारत के विभाजन के पश्चात यह समूह भारत और पाकिस्तान में अलग-अलग स्वतन्त्र संगठनों में विभाजित हो गया - जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी हिन्द। जमात-ए-इस्लामी से सम्बन्धित या प्रेरित अन्य समूह बांग्लादेश में विकसित हुए, कश्मीर, ब्रिटेन और अफगानिस्तान (नीचे देखें)। जमात-ए-इस्लामी दल अन्य मुस्लिम समूहों के साथ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सम्बन्ध बनाये रखता है।[4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Roy, Olivier (1994). The Failure of Political Islam. Harvard University Press. पपृ॰ 35.
  2. https://books.google.com/books?id=pAm_YptXTPMC&pg=PA153&dq=jamaat+e+islami
  3. "Jamaat-e-Islami Pakistan Islamic Assembly Jamaat-e-Islami-e-Pakistan (JIP)". Globalsecurity.org. अभिगमन तिथि 9 November 2014.
  4. Haqqani, Pakistan: Between Mosque and Military, 2010: p.171