जुम्हूरियत् अनिती या गणतंत्रता स्मारक, (तुर्कीयाई: Cumhuriyet Anıtı; उच्चारण:जुम्हूरियेत् अनिती या जुम्हूरियत आनिती) तुर्की गणराज्य के निर्माता कमाल पाशा के द्वारा बनबाया गया एक स्मारक है। यह स्मारक इस्ताम्बुल के तकसीम स्क्वायर पर स्थित है। यह ऐतिहासिक स्मारक उन बहादुर सेनानियों की जीवन्त स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिये बनबाया गया था जिन्होंने तुर्की में जनतान्त्रिक गणराज्य स्थापित करने में योगदान दिया था। इस खूबसूरत स्मारक में रंगीन संगमरमर के ढाँचे पर कांस्य की मूर्तियाँ स्थापित की गयी हैं। इतिहासकारों के अनुसार कमाल पाशा के नेतृत्व में तुर्की गणराज्य सन् १९२३ में स्थापित हुआ था। आम जनता से आर्थिक सहयोग लेकर लगभग ढाई साल में बनकर तैयार हुए इस स्मारक को आम जनता के दर्शनार्थ ९ अगस्त १९२८ को सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया।

गणतंत्रता स्मारक
Cumhuriyet Anıtı
जुम्हूरियेत आनिती

तुर्की का गणतंत्रता स्मारक
स्थिति इस्तानबुल, तुर्की का तकसीम चौक
अभिकल्पना पीट्रो कैनोनिका
सामग्री कांस्य मूर्तियाँ एवं संगमरमर ढाँचा
ऊँचाई 11 मी॰ (36 फीट)
उद्घाटन तिथि ८ अगस्त १९२८
समर्पित तुर्की गणराज्य के निर्माता कमाल अतातुर्क

नामकरण एवं उच्चारण संपादित करें

तुर्कीयाई गणराज्य की गणतंत्रता की शान में बने इस स्मारक को तुर्कीयाई भाषा में जुम्हूरियेत अनिती(Cumhuriyet Anıtı) कहा जाता है। तुर्कियाई में जुम्हूरियेत(Cumhuriyet) का अर्थ होता है गणतंत्रता या गणयाज्य, यह अरबी भाषा से निर्यित शब्द है,(बेहतर जानकारी के लिये, यह भी जाना जा सकता है की उर्दू शब्द व हिन्दी विदेशज शब्द "जम्हूरियत" का मतलब भी यही होता है, ये सारे समस्त्त्रोतीय शब्द हैं) एवं अनिती(Anıtı) का मतलब होता है स्मृती या स्मारक। यहां यह जानना ज़रूरी है की तुर्कीयाई शब्द "Cumhuriyet", जिसे आम तौर पर अंग्रेज़ी] में "क़ुम्हूरियेट" कह कर उच्चारित किया जाएगा, का तुर्कीयाई उच्चारण "जुम्हूरियेत" या "जुम्हूरियत" होता है। हालांकी तुर्कीयाई को अंग्रेज़ी एवं आन्य पश्चिमी युरोपीय भाषाओं की तरह ही रोमन लिपि में ही लिखी जाती है, परंतू अक्षरों का उच्चारण यहां कई जगहों पर अंग्रेज़ी से अलग होती है। अतः इसे जम्हूरियत अनिती कहा जाता है, अर्थात:"गणतंत्रता स्मारक"

इतिहास संपादित करें

 
स्मारक का पिछला भाग (रात्रि के समय)

कमाल अतातुर्क, जिसे इतिहास में मुस्तफा कमाल पाशा के नाम से भी जाना जाता है, के आदेश से तुर्की के इस्ताम्बुल शहर में तकसीम स्क्वायर नामक स्थान पर इसका निर्माण शुरू किया गया था। आम जनता के सामूहिक आर्थिक सहयोग से लगभग ढाई साल में बनकर तैयार हुए इस स्मारक का उद्घाटन ८ अगस्त १९२८ को डॉ॰ हक्की सिनासी पाशा ने किया था। इसका डिजाइन इटली के विख्यात मूर्तिकार पीट्रो कैनोनिका ने तैयार किया था।[1]

११ मीटर (३६ फुट) ऊँचे इस राष्ट्रीय स्मारक में तुर्की गणराज्य के संस्थापक कमाल पाशा सहित उन सभी सेनानायकों की आदमकद कांस्य मूर्तियाँ लगायी गयी हैं जिन्होंने तुर्की को एक वास्तविक लोकतन्त्र प्रदान किया। तुर्की के राष्ट्रपिता मुस्तफा कमाल पाशा सहित उनके सहायक इस्मत इनोनू एवं फेव्ज़ी कैकमाक की कांस्य मूर्तियाँ भी इस स्मारक में स्थापित हैं। उनके सभी सहयोगियों को उसी वेशभूषा में दर्शाया गया है जिस वेश में वे लोग अपने निजी जीवन में रहा करते थे। ऐसा इसलिये किया गया जिससे स्मारक को देखकर तुर्की के निवासी उनसे प्रेरणा ले सकें। स्मारक में उन सभी राजनेताओं व सेनानायकों की मूर्तियों को देखकर किसी भी पर्यटक के मन में तुर्की का इतिहास जानने की इच्छा स्वाभाविक रूप से जागृत हो उठती है। रात्रि के समय भारी संख्या में लोग इसे देखने जाते हैं। स्मारक चारो ओर से दर्शनीय है। तुर्की का यह राष्ट्रीय स्मारक ही वह जगह है जहाँ राष्ट्रीय अवकाश के दिन सभी सरकारी आयोजन सम्पन्न होते हैं।[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Prof. Dr. Pietro Canonica (1869 - 1962)" (तुर्की में). Kim Kimdir?. मूल से 11 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 दिसंबर 2013.
  2. Muhsin Öztürk, "Anıttaki “gizli” Rus" Archived 2018-07-13 at the वेबैक मशीन, Aksiyon, Sayı: 270, February 5, 2000

सन्दर्भ ग्रन्थ संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें