जयंती नटराजन
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जयंती नटराजन (जन्म 7 जून 1954) एक भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्या हैं और राज्य सभा में तमिलनाडु राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर तीन बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई हैं। वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुकी हैं।
Jayanthi Natarajan | |
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चित्र:Jayanthi.jpg | |
चुनाव-क्षेत्र | Tamil Nadu |
जन्म | 7 जून 1954 Chennai, भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवन संगी | V.K. Natarajan |
बच्चे | one son |
निवास | नई दिल्ली |
धर्म | Hindu |
As of 26 जनवरी, 2007 Source: [1] |
प्रारंभिक वर्ष
संपादित करेंजयंती नटराजन का जन्म तमिलनाडु में एक मुदालियर परिवार में हुआ था। उनके दादा एम.बक्थवत्सलम एक प्रमुख कांग्रेसी नेता थे और 1963 से 1967 के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। जयंती ने कानून का अध्ययन किया और मद्रास में अपनी वकालत करने लगीं. अपने क़ानूनी अभ्यास के अतिरिक्त वे अखिल भारतीय महिला सम्मेलन और कानूनी सहायता बोर्ड जैसे कई सामाजिक संगठनों के लिए निःस्वार्थ काम भी करती रही हैं। [2]
राजनीतिक करियर
संपादित करेंकांग्रेस में बिताए वर्ष
संपादित करेंउनका राजनीतिक करियर, 1980 के दशक में राजीव गांधी की उनपर नजर पड़ने के साथ शुरू हुआ। वे पहली बार 1986 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं और 1992 में फिर से चुनकर आईं.
तमिल मानिला कांग्रेस
संपादित करें90 के दशक में जयंती नटराजन और तमिलनाडु के अन्य नेता जो नरसिम्हा राव से नाखुश थे, उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय किया। उन्होंने जी के मूपनार के नेतृत्व तमिल मानिला कांग्रेस की स्थापना की। जयंती नटराजन ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और 1997 में टीएमसी सदस्य के रूप में दोबारा चुनी गईं।
टीएमसी तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम के साथ जुड़ी थी और केंद्र में संयुक्त मोर्चा सरकार का हिस्सा थी। जयंती नटराजन को 1997 में कोयला, नागरिक उड्डयन और संसदीय कार्यों का राज्य मंत्री नियुक्त किया गया।
उनका बेटा एक पेशेवर वकील है।
कांग्रेस में वापसी
संपादित करेंमूपनार की मृत्यु के बाद टीएमसी के नेताओं ने कांग्रेस के साथ मिलने का निर्णय लिया। जयंती नटराजन पर सोनिया गांधी की नजर पड़ी और उन्हें पार्टी की प्रवक्ता नियुक्त कर दिया।