द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (शाब्दिक अर्थ - "द्रविड़ प्रगति संघ") जिसे द्रमुक नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। इसका निर्माण जस्टिस पार्टी तथा द्रविड़ कड़गम से पेरियार से मतभेद के कारण हुआ था। इसके गठन की घोषणा 1949 में हुई थी। इसका प्रमुख मुद्दा समाजिक समानता, खासकर हिन्दू जाति प्रथा के सन्दर्भ में, तथा द्रविड़ लोगो का प्रतिनिधित्व करना है।
द्रविड़ मुनेट्र कड़गम திராவிட முன்னேற்றக் கழகம் | |
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नेता | एम॰ के॰ स्टालिन |
मुख्यालय | अन्ना अरिवालयम, अन्ना सालई, चेन्नई – 600018 |
गठबंधन |
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (1999–2004) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (2004–2013) |
लोकसभा मे सीटों की संख्या |
24 / 545 |
राज्यसभा मे सीटों की संख्या | २४५ |
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या |
159 / 234 |
विचारधारा |
सामाजिक लोकतंत्र लोकलुभावनवाद लोकतांत्रिक समाजवाद |
जालस्थल | http://www.dmk.in |
भारत की राजनीति राजनैतिक दल चुनाव |
हिन्दी विरोधी आन्दोलन में महत्वपूर्ण एवं प्रभावी भूमिका निभाने के कारण द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम का कद बढ़ता गया। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात तमिलनाडु में कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी, परन्तु बाद में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के उभरने के कारण कांग्रेस कमजोर होती गई एवं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम बढ़ती गई। DMK हिंदी विरोधी और हिंदु विरोधी पार्टी है इसका संबंध श्रीलंका के अलगाववादी संगठन LTTE के साथ गुप्त संबंध है इसके नेता LTTE को सहायता भी करते थे परंतु इसकी पुष्टि नही हुई 2019 के चुनाव मे पार्टी ने 39 मे से 38 सीटे जीती और 2021 विधानसभा मे पार्टी के गंठबंधन ने 159 सीटे जीती। पार्टी ने चुनाव मे शानदार प्रदर्शन किया और इसके नेता एम के स्टालिन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली DMK तमिलनाडु की सबसे बड़ी पार्टी है इस पार्टी की विचारधारा सबसे सबसे भिन्न है