भारत के संविधान के अनुसार भारत में संघीय व्यवस्था है जिस में नयी दिल्ली में केन्द्र सरकार तथा विभिन्न राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के लिए राज्य सरकार है। इसीलिए, भारत में राष्ट्रीय व राज्य (क्षेत्रीय), राजनीतिक दलों का वर्गीकरण उनके क्षेत्र में उनके प्रभाव के अनुसार किया जाता है। भारत में मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों की भारत सरकार सूची निम्न है:
भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में समय समय पर चुनाव परिणामों की समीक्षा करता है। इस मान्यता की सहायता से राजनीतिक दल कुछ पहचानों पर अपनी स्थिति की अगली समीक्षा तक विशिष्ट स्वामित्व का दावा कर सकते हैं जैसे की पार्टी चिह्न. जून२०१९ के अनुसार राष्ट्रीय पार्टियां नीचे दी गयी हैं:
लोकसभा वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने हुए लोगों के प्रतिनिधियों से बनी है। संविधान द्वारा रचित सदन की अधिकतम संख्या 552 है, जो कि चुने हुए 530 सदस्यों तक राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए और 20 सदस्यों तक केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनी है। कुल सदस्यता राज्यों के बीच इस तरह से वितरित की जाती है कि प्रत्येक राज्य को आवंटित सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या के बीच का अनुपात, जहाँ तक संभव हो सके, व्यवहारिक हो.
राज्यीय दल
राज्य दल/पार्टियाँ
विभिन्न राजनैतिक दलों के नेतृत्व वाली भारत की राज्य सरकारें
वे दल जिनके पास एक राज्य में पर्याप्त वोट या सीटें हों, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा राज्य पार्टी के रूप में अधिकृत किया जा सकता है। संबंधित राज्य में राज्य दल के रूप में मान्यता मिलने से दल को एक विशेष चुनाव चिन्ह आरक्षित करने का विकल्प मिल सकता है। एक पार्टी को एक या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हो सकती है। चार राज्यों में मान्यता प्राप्त पार्टी को स्वतः ही एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त हो जाती है।
राज्य स्तर की मान्यता के लिए चुनाव आयोग में पंजीकृत दल को निम्न में किसी एक शर्त को पूरा करना होगा:
दल को विधान सभा चुनाव में कम से कम कुल सीटों की 3% सीटें या 3 सीटें जीतनी होंगी।
दल को राज्य में निर्धारित लोक सभा सीटों में प्रत्येक 25 सीटों पर एक या कम से कम एक या उसके अंश पर जो राज्य में निर्धारित हो।
दल को लोक सभा /विधान सभा के चुनाव में वैध मतों का कम से कम 6% मत प्राप्त हों ,तथा लोक सभा में कम से कम एक सीट और विधान सभा में 2 सीटों पर विजय प्राप्त की हो।
यदि दल ने लोक सभा और विधान सभा में कोई सीट न जीती हो लेकिन यदि उसने लोक सभा /विधान सभा चुनाव में वैध मतों के 8% मत हासिल किये हों।
नीचे १६ सितम्बर २०१४ को मान्यता प्राप्त दलों की सूची दी गयी है।[1] वे राज्य जहां पार्टी को मान्यता मिली है, का भी वर्णन किया गया है, यद्धपि हो सकता है कि पार्टी अन्य राज्यों तथा शासित प्रदेशों में अच्छी तरह से सक्रिय हो.
राजनीतिक दलों की एक बड़ी संख्या चुनाव आयोग में पंजीकृत है, जिन्हें राष्ट्रीय अथवा राज्य दल के रूप में मान्यता नहीं मिली है। कई मामलों पंजीकरण बना रहता है, चाहे संबंधित पार्टी भंग हो चुकी हो या कई वर्ष पूर्व उसका किसी और पार्टी में विलय हो चुका हो. नीचे अक्टूबर 2005 के चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा पर्काषित 730 पंजीकृत अज्ञात (बिना पहचान वाली) पार्टियों की सूची दी गयी है:
1990 के बाद से, भारतीय मतदाताओं ने लगातार राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खंडित जनादेश दिया है। इस वज़ह से कई दल, जिनमें छोटे (और कभी कभी मौलिक) वैचारिक मतभेद हैं, सत्ता पर दावा करने के लिए गठबंधन कर लेते हैं। भारत में निम्नलिखित राजनैतिक दलों का गठबंधन है।
सुब्रत के. मित्र तथा वी.बी. सिंह. 1999.भारत में लोकतंत्र व सामाजिक परिवर्तन : राष्ट्रीय मतदाताओं का एक गहन विश्लेषण. नई दिल्ली: सेज प्रकाशन. ISBN 81-7036-809-X (India HB) ISBN 0-7619-9344-4 (U.S. HB).
सुब्रत के. मित्र, माइक एन्स्कट, क्लेमेंस स्पिएस (eds.). 2004. दक्षिण एशिया में राजनीतिक dal. ग्रीनवुड: प्रेजेर.