सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भारत मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में सीमित आधार वाली एक क्षेत्रीय पार्टी है। इस राजनीतिक दल की स्थापना 2002 में ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व में हुई। पार्टी का नेतृत्व ओम प्रकाश राजभर ही करते हैं। पार्टी का मुख्यालय वाराणसी जिले के फतेहपुर गांव में है। [1]पार्टी का पीला ध्वज, और छड़ी चुनाव चिन्ह है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भर यानी राजभर जाति की राजनीतिक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के ख्याल से इसकी स्थापना की गई।[2]
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी | |
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संक्षेपाक्षर | एसबीएसपी |
नेता | ओम प्रकाश राजभर |
गठन | 27 October 2002 |
गठबंधन |
एनडीए (2017–2019), जीडीएसएफ (2020)(बिहार), एसपी+ (2021-2022) |
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या |
6 / 403 |
रंग | पीला |
जालस्थल | www.sbsp.in |
भारत की राजनीति राजनैतिक दल चुनाव |
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से इस पार्टी की अधिक चर्चा इसलिए भी हुई क्योंकि बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की वाराणसी से जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी समुदायों को साधने की नीति के तहत अपना दल के साथ ही सुभासपा जैसे छोेटे दलों से भी चुनावी तालमेल की दिशा में काम किया।[3]
सुभासपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने 13 उम्मीदवार भी मैदान में उतारे थे। लेकिन बाद में इसके नेता ओम प्रकाश राजभर ने एकता मंच के बैनर तले छोटे दलों को एक सियासी गुलदस्ता तैयार किया और एनडीए की मदद की। 2014 के लोकसभा चुनाव में सुभाषपा के 13 उम्मीदवारों को महज 118,947 वोट मिले। सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। लेकिन एकता मंच बनाने वाले ओम प्रकाश राजभर की सियासी गाड़ी चल पड़ी।
2012 के विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने वाली पार्टी के 4 प्रत्याशी 2017 में विधानसभा पहुंच गए। ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री बन गए। एनडीए के साथ समझौते में पार्टी को 8 सीटें मिली थी, जिनमें से 4 पर उनकी जीत हुई।इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से ओम प्रकाश राजभर कि बाते न मानने के कारण विवाद हो गया जिससे ओ NDA से अलग हो गये,
उनकी बस राज्य सरकार से यही मान्ग थी जो पिछड़े वर्ग से जातिया जो आरक्षण का लाभ नहीं ले पायी उनके लिये अलग से आरक्षण कि ब्यस्था करना, जिसका उत्तर प्रदेश कि सरकार इस बात को नहीं मानी
जिसके कारण ओम प्रकाश राजभर जी ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ Hindustan Times. Rajbhar: a new dalit force in eastern UP
- ↑ Times of India. Ex-BSP leaders join hands ahead of LS polls
- ↑ "List of Political Parties and Election Symbols main Notification Dated 18.01.2013" (PDF). India: Election Commission of India. 2013. अभिगमन तिथि 15 June 2014.
इन्हें भी देखेंसंपादित करें
- महाराजा सुहलदेव राजभर