पुदुच्चेरी (केन्द्र-शासित प्रदेश)

भारत में केंद्र-शासित प्रदेश

पुदुच्चेरी, (पहले पॉन्डिचेरी), भारत गणराज्य का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। पहले पुदुच्चेरी एक फ्रांसीसी उपनिवेश था जिसमे ४ पृथक जिलों का समावेश था। पुदुच्चेरी का नाम पॉन्डिचरी इसके सबसे बड़े जिले पुदुच्चेरी के नाम पर पड़ा था। सितम्बर २००६ में पॉन्डिचरी का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर पुदुच्चेरी कर दिया गया जिसका कि स्थानीय तमिल में अर्थ नया गाँव होता है। भारत का यह क्षेत्र लगभग ३०० वर्षों तक फ्रांसीसी अधिकार में रहा है और आज भी यहां फ्रांसीसी वास्तुशिल्प और संस्कृति देखने को मिल जाती है। पुराने समय में यह फ्रांस के साथ होने वाले व्यापार का मुख्य केंद्र था। आज अनेक पर्यटक इसके सुंदर समुद्र तटों और तत्कालीन सभ्यता की झलक पाने के लिए यहां आते हैं। केवल पर्यटन की दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। इस कारण प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।

पॉन्डिचेरी
புதுச்சேரி
Puducherry

भारत के मानचित्र पर पॉन्डिचेरी புதுச்சேரி Puducherry
भारत के मानचित्र पर पॉन्डिचेरी
புதுச்சேரி
Puducherry

भारत का केन्द्र-शासित प्रदेश
राजधानी पुदुच्चेरी
सबसे बड़ा शहर पुदुच्चेरी
जनसंख्या 12,47,953
 - घनत्व 2,536 /किमी²
क्षेत्रफल 492 किमी² 
 - ज़िले 4 mahe,yenam kalaikal and Puducherry
राजभाषा तमिल, अंग्रेज़ी, मलयालम,
तेलुगू[1]
गठन 1 नवम्बर 1954
सरकार पुदुच्चेरी सरकार
 - प्रशासक
 - उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन
 - मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी (AINRC)
 - विधानमण्डल एकसदनीय
पुदुच्चेरी विधान सभा
 - भारतीय संसद राज्य सभा (1 सीट)
लोक सभा (1 सीट)
 - उच्च न्यायालय मद्रास उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या 605
वाहन अक्षर PY
आइएसओ 3166-2 IN-PY
www.py.gov.in
 
स्पॉट उपग्रह द्वारा प्राप्त चित्र।

पुदुच्चेरी बंगाल की खाड़ी के पूर्व में स्थित एक केंद्र शासित प्रदेश है। पुदुच्चेरी मूलतः ४ पृथक (बिना जुड़े हुये) जिलों से मिलकर बना है। ये जिले है:

पुदुच्चेरी और कराइकल इनमे से सबसे बड़े जिले हैं।

सरकारी भाषाएं

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तमिल, तेलुगु, मलयालम और फ्रांसीसी यहाँ की आधिकारिक भाषाएँ हैं। प्रत्येक जिले के साथ-साथ हर भाषा की स्थिति भिन्न है। विभिन्न जिलों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए आमतौर पर अंग्रेज़ी का उपयोग किया जाता है।

  • तमिल: इस भाषा का उपयोग पुदुच्चेरी के तमिल बहुल जिलों और कराइकल में किया जाता है। यह तमिल नाडु राज्य की भी आधिकारिक भाषा है, साथ ही यह श्रीलंका तथा सिंगापुर में भी एक सह-आधिकारिक भाषा है। मलेशिया और मॉरीशस में भी यह भाषा बोली जाती है।
  • तेलुगु: पुदुच्चेरी की एक अन्य आधिकारिक भाषा, जो अधिकतर यनम में प्रयोग होती है। इसलिए अधिक सही ढंग से कहें तो यह पुदुच्चेरी में क्षेत्रीय आधिकारिक भाषा है, जबकि यनम जिले की यह आधिकारिक भाषा है। यह आंध्र प्रदेश राज्य में भी आधिकारिक भाषा है। और यह पुदुच्चेरी और कराइकल में भी व्यापक रूप से बोली जाती है।
  • मलयालम: पुदुच्चेरी की एक अन्य आधिकारिक भाषा, पर माहे (मलयालम जिले) में अधिक उपयोग में लाई जाती है। इसलिए अधिक सही ढंग से कहें तो यह पुदुच्चेरी में क्षेत्रीय आधिकारिक भाषा है, जबकि माहे जिले की आधिकारिक भाषा। यह केरल राज्य और लक्षद्वीप केन्द्र शासित प्रदेश में भी आधिकारिक भाषा है।
  • फ्रांसीसी: पुदुच्चेरी की एक अन्य आधिकारिक भाषा। यह फ्रांसीसी इंडिया की भी आधिकारिक भाषा थी (१६७३-१९५४) और इसका आधिकारिक दर्जा २८ मई १९५८ को भारत और फ्रांस के बीच हुई समर्पण संधि से संरक्षित रहा।

अनुच्छेद २८ के अनुसार फ्रांसीसी पुदुच्चेरी के वैधानिक आधिकारिक भाषा है और समर्पण संधि के अनुसार,

  • Le français restera langue officielle des Établissements aussi longtemps que les représentants élus de la population n'auront pas pris une décision différente (फ्रांसीसी संस्करण)
  • फ्रांसीसी भाषा तब तक प्रतिष्ठानों की आधिकारिक भाषा रहेगी जब तक की जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा अन्यथा भिन्न निर्णय नहीं लिया जाता है। (हिन्दी संस्करण)

जनसांख्यकी

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पॉन्डिचरी क्षेत्र का मानचित्र, केन्द्र शासित प्रदेश पॉन्डिचरी, भारत

मुख्य आकर्षण

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विधान सभा।

पुदुचेरी में भारतीय और फ्रेंच संस्कृति की एक साथ दर्शन होते हैं। यहां के स्मारक इतिहास से रूबरू कराते हैं तो वहीं मंदिर मन को श्रद्धा से भर देते हैं।

आध्यात्म की भूमि

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जीवन की भागदौड़ से थक चुके लोग जो शांति व आध्यात्म की तलाश में हैं, उनके लिए पुदुचेरी बिल्कुल सही जगह है। प्राचीन काल से ही पुदुचेरी वैदिक संस्कृति का केंद्र रहा है। यह महान ऋषि अगस्त्य की भूमि है। पुदुचेरी की आध्यात्मिक शक्ति 12वीं शताब्दी में और बढ़ी, जब यहां अरविदों आश्रम की स्थापना हुई। प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग सुकून की तलाश में यहां पर आते हैं।

पेराडाइज बीच

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यह बीच शहर से 8 किलोमीटर दूर कुड्डलोर मेन रोड के पास स्थित है। इस बीच के एक ओर छोटी खाड़ी है। यहां केवल नाव द्वारा ही जाया जा सकता है। नाव पर जाते समय पानी में डॉल्फिन के करतब देखना एक सुखद अनुभव है। यहां का वातावरण देखकर इसके नाम की सार्थकता का अहसास होता है। यह वास्तव में स्वर्ग के समान है।

ऑरोविल्ले बीच

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ऑइरोविले।

जैसा कि नाम से ही जाहिर है यह बीच ऑरोविल्ले के पास स्थित है। पुदुचेरी से १२ किलोमीटर दूर इस तट का पानी अधिक गहरा नहीं है। इसलिए पानी में तैरने के शौकीनों के लिए यह बिल्कुल सही जगह है। सप्ताहांत में यहां समय बिताना लोगों को बहुत भाता है। उस दौरान यहां बहुत भीड़ रहती है। बाकी दिन यहां ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती।

पार्क स्मारक

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(आयी मंडपम) पुदुचेरी के बीचों बीच स्थित यह सरकारी पार्क यहां का सबसे खूबसूरत सार्वजनिक स्थान है। यहां का मुख्य आकर्षण पार्क के केंद्र में बना आयी मंडपम है। इस सफेद इमारत का निर्माण नेपोलियन तृतीय के शासन काल में किया गया था। यह ग्रीक-रोमन वास्तु शिल्प का उत्कृष्ट नमूना है। इस जगह का नाम महल में काम करने वाली एक महिला के नाम पर रखा गया था। उस महिला ने अपने घर के स्थान पर एक जलकुंड बनाया था। कभी नेपोलियन ने यहां का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई थी और वह इससे खुश होकर स्मारक का नाम आयी मंडपम रखा।

अरिकमेडु

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यह ऐतिहासिक जगह पुदुचेरी के ४ किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह स्थानीय लोगों के रोमन कॉलोनियों के साथ व्यापार का प्रतीक है। यह व्यापार ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में होता था। यहां स्थानीय व्यापारी वाइन का आयात करते थे और इसके बदले में कपड़ा, बहुमूल्य रत्न और आभूषण निर्यात करते थे। अभी भी यहां १८वी. शताब्दी में निर्मित फ्रेंच जेसूट मिशन हाउस के खंडहर देखे जा सकते हैं। यह हाउस १७८३ में बंद कर दिया गया था।

आनंद रंगा पिल्लई महल

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जब यहां फ्रांसीसी शासन था, तब आनंद रंगा पिल्लई पुदुचेरी के राज्यपाल थे। उनके द्वारा लिखीं डायरियां १८वीं शताब्दी के फ्रांस और भारत संबंधों के बारे में जानकारी देती हैं। यह महल दक्षिणी भाग पर बची हुई कुछ प्राचीन इमारतों में से एक है। इसका निर्माण १७३८ में किया गया था। इसका वास्तुशिल्प भारतीय और फ्रेंच शैली का अनूठा मिश्रण है।

डुप्लेक्स की प्रतिमा

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फ्रेंकॉइस डुप्लेक्स पुदुचेरी के गवर्नर थे जो १७५४ तक इस पद पर रहे। १८७० में इनके द्वारा किए गए कार्यो को देखते हुए इन्हें श्रद्धांजली अर्पित करने के उद्देश्य से दो प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। एक फ्रांस में और दूसरा पुदुचेरी में है। २.८८ मी. ऊंची ग्रेनाइट से निर्मित यह मूर्ति गौवर्ट एवेन्यू पर स्थित है।

विल्लन्नूर

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श्री गोकिलंबल तिरुकामेश्वर मंदिर पुदुचेरी से १० किलोमीटर दूर है। दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के दौरान यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। यह ब्रह्मोत्सव मई-जून के बीच मनाया जाता है। इस उत्सव में मंदिर के १५ मी. ऊंचे रथ को खींचा जाता है। हजारों भक्तों द्वारा रथ खींचे जाने का दृश्य अदभूत होता है। पुदुचेरी के उपराज्यपाल भी इस यात्रा में भाग लेते हैं। सर्वधर्म समभाव की प्रतीक यह यात्रा फ्रेंच शासन काल के दौरान भी होती थी। उस समय गवर्नर फ्रेंच स्वयं इस रथ को खींचते थे। इसके अलावा यहां १० हैक्टेयर में फैली ऑस्टेरी झील है जहां पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं।

निकटवर्ती दर्शनीय स्थल

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पुदुचेरी के उत्तर पश्चिम में स्थित विल्लुपुरम जिले में इस क्षेत्र का सबसे सुंदर और आकर्षक किला शिंजी है। ८०० फीट ऊंचा यह विशाल किला तीन पहाड़ियों (राजगिरी, कृष्णागिरी और चंद्रायन दुर्ग) तक फैला है। किले का मुख्य हिस्सा राजगिरी पहाड़ पर है जो तीनों पहाड़ों में से सबसे बड़ा है। किले के अंदर अन्नभंडार गृह, शस्त्रागार, टैंक और मंदिर है। इसका प्रवेश द्वार कल्याण महल के सामने है। लगभग ७०० मी. की ऊँचाई पर एक पुल है जो किले को अन्य इमारतों से जोड़ता है। इतनी ऊँचाई से नीचे शिंजी नगर को देखना रोमांचित कर देता है। उचित शुल्क देकर आप इस ऐतिहासिक किले को निकट से देख सकते हैं।

चिदम्‍बरम

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यह जगह पुदुचेरी के दक्षिण में राष्ट्रीय राजमार्ग ४५ए पर स्थित है। चिदम्‍बरम शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां शिव की शुभनायक नटराज अवतार की पूजा होती हैं। इस मंदिर का निर्माण १०वीं से १४वीं शताब्दी के बीच हुआ था। कहा जाता है कि १०वीं शताब्दी में चोल राजा परांतका प्रथम ने इस मंदिर को सोने से ढक दिया था जिसके बाद सूरज की रोशनी में मंदिर जगमगाता रहता था। मंदिर में शिवजी की अक्ष लिंगम रूप में भी पूजा की जाती है।

वायु मार्ग

नजदीकी हवाई अड्डा चैन्नई है जो भारत और दुनिया के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

निकटतम रेल जंक्शन विल्लापुरम है जो चेन्नई और मदुरै/त्रिवेंद्रम से जुड़ा है।

सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग ४५ के द्वारा पुदुचेरी जाया जा सकता है।

  1. "Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013)" (PDF). Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India. मूल (PDF) से 8 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जुलाई 2017.
  2. "Population Analysis and Projections" (PDF). Census of India. www.pon.nic.in. मूल (PDF) से 18 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-06-04.

बाहरी कड़ियाँ

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