जयंत आठवले
जयन्त आठवले (जन्म : ६ मई १९४२) एक धार्मिक गुरू एवं सनातन धर्म के प्रचारक हैं। विश्व भर में उनके अरबों अनुयायी हैं। वे सनातन संस्था के संस्थापक हैं जो अन्तरराष्ट्रीय स्तर की एक संस्था है।[1]
डॉ० आठवले ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए 'सनातन प्रभात' नामक नियतकालिकों का प्रकाशन आरम्भ किया है । उनके मार्गदर्शन से अनेक लोग, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए संगठित होकर कार्य कर रहे हैं। हिन्दुत्ववादी संगठनों को भी उनसे प्रेरणा मिलती है।
परिचय
संपादित करेंजयन्त आठवले का जन्म ६ मई १९४२ को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के नागोठणे गाँव में हुआ था। उन्हूंने चिकित्साशास्त्र की पढाई पूरी करने के पश्चात वर्ष १९७१ से १९७८ तक ब्रिटेन में उच्च शिक्षा प्राप्त कर, सम्मोहन उपचार-पद्धति के विषय में शोध किया। इस शोध में उन्होंने, अनुचित कृत्यों का बोध तथा उनपर नियंत्रण (मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया पद्धति; साइको-फीडबैक टेक्निक), अनुचित प्रतिक्रियाओं के विरुद्ध उचित प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करना (प्रतिक्रिया प्रतिस्थापना पद्धति; रिस्पॉन्स सब्स्टीट्यूशन टेक्निक), घटना का मन में पूर्वाभ्यास करना (सम्मोहक विसुग्राहीकरण पद्धति; हिप्नोटिक डिसेंसिटाइजेशन टेक्नीक); आदि सम्मोहन-उपचार से संबंधित नई पद्धतियों को प्रस्तुत किया ।
अध्यात्म की श्रेष्ठता ज्ञात होने पर उन्होंने अध्यात्मप्रसार के लिए अपने गुरु भक्तराज महाराज के आशीर्वाद से सनातन संस्था की स्थापना की ।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "स्पेशल रिपोर्ट : जयंत आठवले आणि 'सनातन'चा इतिहास". ABPmajha. मूल से 27 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 March 2019.