जयशक्ति चन्देल

भारतीय शासक
(जयशक्ति से अनुप्रेषित)

जयशक्ति 9वीं सदी ई. में एक चंदेल राजा था। चंदेल अभिलेखों में पूर्ववर्ती शासक वाक्पति के पुत्र जयशक्ति और विजयशक्ति का उल्लेख आता है।[1] वह स्वतंत्र शासक नहीं था किंतु उस काल की राजनीतिक अव्यवस्था का लाभ उठाकर इसने अपनी शक्ति को दृढ़ किया।[2] प्राय: विद्वान्‌ इसे प्रतिहारों का सामंत बतलाते हैं। अभिलेखों में कभी कभी चंदेल राजाओं की तालिका जयशक्ति के नाम से ही प्रारंभ होती है। कदाचित्‌ उसी के समय में पहली बार वर्तमान खजुराहो के समीप की भूमि एक पृथक्‌ भुक्ति के रूप में संगठित हुई और जयशक्ति के नाम पर ही वह 'जेजाक भुक्ति' कहलाई।[उद्धरण चाहिए] उसने अपनी पुत्री नट्टा का विवाह कलचुरि नरेश कोक्कल्ल प्रथम के साथ किया था जो संभवत: उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से प्रेरित था।[उद्धरण चाहिए]

जयशक्ति
शासनावधिल. 831-845 CE
पूर्ववर्तीवाक्पति
उत्तरवर्तीविजयशक्ति
राजवंशचन्देल

अभिलेखों में उसके नाम के साथ उसके छोटे भाई विजयशक्ति का नाम भी संबद्ध रहता था जो बाद में सिंहासन का अधिकारी हुआ।[2]

सन्दर्भ एवं फुटनोट

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  1. Dikshit 1976, p. 28. sfn error: multiple targets (2×): CITEREFDikshit1976 (help)
  2. Mitra 1977, p. 30.

स्रोत ग्रंथ

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  • Dikshit, R. K. (1976). The Candellas of Jejākabhukti. Abhinav. ISBN 9788170170464.
  • Dikshit, R. K. (1976). The Candellas of Jejākabhukti. Abhinav. ISBN 9788170170464.