जान की बाज़ी
जान की बाज़ी 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह अजय कश्यप द्वारा निर्देशित है जिसमें संजय दत्त, अनीता राज, अनुराधा पटेल और गुलशन ग्रोवर ने अभिनय किया है।
जान की बाज़ी | |
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जान की बाज़ी का पोस्टर | |
निर्देशक | अजय कश्यप[1] |
निर्माता | बी. पी. वर्मा |
अभिनेता |
संजय दत्त, अनीता राज, अनुराधा पटेल, गुलशन ग्रोवर |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
25 अक्टूबर, 1985 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंयह कहानी गीता (अनीता राज) नाम की एक महिला की है, जिसने अपने दिवंगत पिता की मौत का बदला लेने की कसम खाई है। अपने पिता के हत्यारों की तलाश करते समय, वह इंस्पेक्टर अमर से दोस्ती करती है (और बाद में उससे शादी कर लेती है)। अंततः वह अपना कर्तव्य निभाते हुए अपना जीवन बलिदान कर देता है।
अमर की मृत्यु के बाद, गीता पुलिस बल में शामिल हो जाती है और अपने पिता के हत्यारों की तलाश जारी रखती है। इसी दौरान उसकी मुलाकात लक्ष्मण (संजय दत्त) नाम के एक ऑटो ड्राइवर से होती है। वह उसकी मदद करता है और गीता के पिता की हत्या करने वाले लोगों का सामना करने के लिए खुद को खतरे में डालता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- संजय दत्त — इंस्पेक्टर अमर / लक्ष्मण
- अनीता राज — गीता
- अनुराधा पटेल — सुंदरी
- गुलशन ग्रोवर — चीता
- शफ़ी ईनामदार — इंस्पेक्टर रंजीत वाघमारे
- डैन धनोआ — सांगा
- गोगा कपूर — महेन्द्र
- मानिक ईरानी — रंगा
- स्वरूप संपत — रेणु वाघमारे
- राकेश बेदी — हवलदार तेंदुलकर
- सत्येन कप्पू — गीता के पिता
- सीमा देव — अमर की माता
संगीत
संपादित करेंसभी गीत अनजान द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आते आते तेरी याद" | मोहम्मद अज़ीज़, एस जानकी | 6:25 |
2. | "मुझको ख़ुदा मिल गया" | शब्बीर कुमार, दिलराज कौर | 5:12 |
3. | "आते आते तेरी याद" (दुखी संस्करण) | एस जानकी | 4:24 |
4. | "बाबा मैं तो टुन हो गया" | अमित कुमार, एस जानकी | 7:02 |
5. | "बम्बई ने पैदा किया" | किशोर कुमार | 6:34 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "'आते-आते तेरी याद आ गई' गाने की एक्ट्रेस का बदला लुक, संजय दत्त संग जमी थी जोड़ी, धर्मेंद्र को डेट कर पर्दे से हुई गायब". News18 हिंदी. 19 फरवरी 2023. अभिगमन तिथि 4 अक्टूबर 2023.